नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर बुल्ली बाई ऐप को लेकर विशेष वर्ग की आबादी गुस्से में है. हालांकि ‘बुल्ली बाई’ ऐप क्या है और इसे लेकर क्या विवाद है? इस बारे में कई लोगों को ज्यादा पता नहीं है. हालांकि अब तक लोग यह मानते आए हैं कि सोशल मीडिया पर ट्रेंड या लोकप्रिय होने वाला हर कंटेंट सिर्फ मजे और मनोरंजन के लिए होता है और यह कानून अपराध नहीं है. बुल्ली बाई ऐप को लेकर भी कई लोगों ने सोशल मीडिया पर ऐसी ही राय जाहिर की है. इन लोगों का मानना है कि इस पर जिन लड़कियों और महिलाओं की तस्वीर लगाकर उनकी बोली लगाई जा रही है यह सिर्फ फन और एंटरटेनमेंट के लिए है.

दरअसल हमारे समाज में लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन अपराध को लेकर ज्यादा समझ नहीं है. क्योंकि ऐसा माना जाता रहा है कि बलात्कार, छेड़छाड़ और बदसलूकी ही महिलाओं के साथ होने वाले अपराध हैं. जबकि सोशल मीडिया पर एडिट करके लड़कियों की फोटो डालना, उनके खिलाफ कमेंट लिखना और महिलाओं को किसी मुद्दे पर ट्रोल करना, यह सब सिर्फ मनोरंजन से जुड़ा हुआ है. इसी सोच की वजह से सुल्ली या बुल्ली जैसे ऐप को लेकर लोगों की राय है कि यह सिर्फ मनोरंजन के लिए है.

बुल्ली बाई ऐप में क्या गलत है
बुल्ली बाई ऐप में क्या गलत है इस बात को जानने के लिए यह समझने की जरुरत है: मान लीजिए आप फेसबुक या ट्विटर पर कुछ सर्च कर रहे हैं और अचानक आपके सामने अपनी बहन या किसी रिश्तेदार की लड़की का फोटो आ जाता है और इस फोटो पर कुछ आपत्तिजनक लिखा हुआ मिलता है. या फिर आपकी पत्नी के फोटोग्राफ्स मिलते हैं. सोचिए आपको कैसे लगेगा?

अब इस ऐप के जरिए कई लोगों की बहनें या पत्नियों के फोटो ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया ऐप पर वायरल हो रहे हैं और यूजर्स अपने मनोरंजन के लिए उन पर गंदे कमेंट कर रहे हैं. बस यहीं से ऑनलाइन हॉरसमेंट यानी प्रताड़ना शुरू हो जाती है.

हैरानी की बात है कि इन लड़कियों और महिलाओं को यह तक पता नहीं है कि उनकी फोटो सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हो रही हैं. कौन लोग हैं जो उनकी फोटो को सोशल साइट्स से चुराकर मनोरंजन के नाम पर इस तरह के अपराध को अंजाम दे रहे हैं.

बुल्ली बाई ऐप के मामले में भी ऐसा ही हो रहा है. लिंकडिन और ट्विटर से मुस्लिम महिलाओं की फोटो ली जा रही हैं और उन्हें गिटहब पर बनाए गए बुल्ली बाई ऐप पर गलत कैप्शन के साथ अपलोड किया जा रहा है. हालांकि इस ऐप के बहुत ही कम ऑनलाइन यूजर्स थे लेकिन ट्विटर पर ट्रेंड होने के बाद यह ऐप देखते ही देखते वायरल हो गया और मुस्लिम महिलाओं व लड़कियों की मानसिक प्रताड़ना का कारण बन गया है.

जानें कैसे बुल्ली बाई ऐप बनाना अपराध
इंडियन पीनल कोड में ऑनलाइन प्रताड़ना को लेकर सीधे कोई प्रावधान नहीं है लेकिन इस तरह के मामले आईटी एक्ट के अंतर्गत आते हैं. इस कानून के तहत बुल्ली बाई ऐप को बनाने वाले लोगों को अपराधी ठहराया जा सकता है. इस कानून के अनुसार सोशल मीडिया से किसी भी व्यक्ति की सहमति या जानकारी के बिना उसका फोटो लेना भी अपराध माना गया है.

वहीं सोशल मीडिया पर महिलाओं व लड़कियों के खिलाफ गलत भाषा और गंदे कमेंट्स भी उनकी मानहानि व आत्मसम्मान के खिलाफ होता है. भारतीय दंड संहिता की धारा 499, 503, 506, 507 और 509 के तहत दोषियों की गिरफ्तारी हो सकती है.

मुंबई पुलिस ने मंगलवार को कहा कि ‘बुल्ली बाइ’ ऐप के मामले में मुख्य आरोपी को उत्तराखंड से हिरासत में लिया गया है. आरोपी एक महिला है और वह बेंगलुरु से हिरासत में लिए गए 21 वर्षीय सिविल इंजीनियरिंग छात्र को जानती थी, जिसे 10 घंटे की पूछताछ के बाद मुंबई में गिरफ्तार किया गया है.

अगर आप भी आप यह मानते हैं कि बुल्ली बाई ऐप का इस्तेमाल सिर्फ मजे और मनोरंजन के लिए किया जा रहा है तो आपको सोचने की जरूरत है. सोचिए कि आखिर किस तरह एक संगठित प्रयास के तहत बेवजह निर्दोष लड़कियों और महिलाओं को बदनाम व परेशान किया जा रहा है.