नई दिल्ली. नवंबर शुरू होते ही फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘नो शेव नवंबर’ ट्रेंड करने लगा है, जाहिर सी बात है कि इसका कनेक्शन मर्दों की दाढ़ी से है. लेकिन साल के सेकेंड लास्ट मंथ में इसको लेकर इतनी चर्चा क्यों होती है? तो आइए आज हम आपके इस सवाल का जवाब दे देते हैं. दरअसल ‘नो शेव नवंबर’ में मर्दों को अपने बालों को 30 दिनों तक बढ़ाने की बात की जाती है. इसमें पुरुषों को चुनौती दी जाती है कि वो अपने चेहरे के बाल, दाढ़ी, मूंछें, चाहे जो भी हों, उन्हें उगाएं और शेव न करें. ये कैंपेन कई बीमारियों और बीमारियों के साथ-साथ पुरुषों की सेहत के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाया गया था.
‘नो शेव नवंबर’ उन बीमारियों के खिलाफ अभियान और जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम है जो हर साल नवंबर के महीने में चलाया जाता है, जो पुरुषों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं, जैसे-
-प्रोस्टेट कैंसर
-टेस्टिकुलर कैंसर
-खराब मेंटल हेल्थ-डिप्रेशन
-फिजिकल इन एक्टिविटी
ये कैंपेन पुरुषों द्वारा अपने बालों को उगाने के लिए एनकरेज करता है, जिसमें ये कहा जाता है कि पूरे नवंबर महीने में आप बिलकुल भी शेव न करें, हालांकि से पेशेवर ड्रेस कोड को फॉलो करने को छोड़कर न्यूनतम ट्रिमिंग के साथ आप इस अभियान में हिस्सा ले सकते है. इससे खास तौर से पुरुषों को होने वाले कैंसर को लेकर जागरूकता बढ़ती है.
टेस्टिकुलर कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को पुरुषों में दो सबसे आम कैंसर माना जाता है, नो शेव नवंबर अभियान ने पुरुषों को प्रभावित करने वाले इन मुद्दों पर 1,000 से अधिक कार्यक्रमों में सैंकड़ों मिलियन से ज्यादा की मदद की है. ये कैंपेन सभी कैंसर रिसर्च को फायदा पहुंचाने की कोशिश है.
इस बात में कोई शक नहीं कि कैंसर एक भयानक बीमारी है इसकी वजह से हर साल काफी लोगों की जान चली जाती है, काफी लोग फाइनेंशियल दिक्कतों के कारण इलाज का खर्च नहीं उठा पाते. यही वजह है कि हर साल इस अभियान को चलाया जाता है, जिसको दुनियाभर के सेलेब्रिटीज की तरफ से सपोर्ट मिलता है.