नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ की आवश्यकता को देखते हुए दायर की गयी याचिका पर संविधान में प्रस्तावित संशोधनों की मंजूरी दे दी. अदालत के फैसले से ये साफ हो गया है कि एक अधिकारी 12 साल तक अपने पद पर रह सकता है. अदालत के इस फैसले के बाद बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह बोर्ड में अपनी लगातार दूसरी पारी के योग्य हो गए हैं. लेकिन बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली की इस फैसले के बाद भी छुट्टी हो सकती है.
2019 में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अध्यक्ष बने थे और जय शाह बीसीसीआई सचिव बने थे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बीसीसीआई में चुनाव की तैयारी है. दरअसल सौरव गांगुली और अन्य सदस्य बोर्ड में अपना एक कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और अब दूसरे कार्यकाल से पहले उन्हें दोबारा चुनाव लड़ना होगा, लेकिन इन चुनाव में सौरव गांगुली का जीतना मुश्किल दिखाई दे रहा है.
सौरव गांगुली के अध्यक्ष बने रहने पर अब फैसला बीसीसीआई की सालाना आम बैठक (AGM) में ही होगा. उन्हें बोर्ड में बने रहने के लिए एक बार फिर चुनाव जीतना होगा. वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 15 राज्य संघ जय शाह को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं. ज्यादातर सदस्यों का मानना है कि कोरोना के बावजूद आईपीएल को सफल बनाने में जय शाह का बड़ा हाथ है. ऐसे में जय शाह (Jay Shah) अध्यक्ष बनने के बड़े दावेदार बन गए हैं. एक राज्य संघ के सदस्य ने कहा, ‘यह सही समय है जब शा बोर्ड की कमान संभालेंगे और सभी संघ उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं.’
सौरव गांगुली को आईसीसीसी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिल सकती है. बीसीसीआई के सूत्रों ने एनडीटीवी को संकेत दिया है कि पूर्व भारतीय कप्तान आईसीसी अध्यक्ष की भूमिका नवंबर में ले सकते हैं. चुनाव दुनिया के सर्वोच्च क्रिकेट निकाय के कारण हैं, जिसमें ग्रेग बार्कले का कार्यकाल जल्द ही समाप्त हो रहा है. बर्मिंघम में वार्षिक सम्मेलन के दौरान, बार्कले ने दो और वर्षों तक जारी रखने की अपनी रुचि व्यक्त की थी. लेकिन बीसीसीआई संभवत: यहां अपने किसी सदस्य को लाने का इच्छुक हो सकता है.