दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने बुजुर्ग बिल्डर रामकिशोर अग्रवाल की हत्या का खुलासा कर दिया है। पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। नौकरी से निकालने की वजह से पुराने घरेलू सहायक ने ही सिविल लाईंस में बुजुर्ग बिल्डर रामकिशोर अग्रवाल की हत्या व लूटपाट की अंजाम दिया था। 20 हजार रुपये चोरी करने के आरोप में रामकिशोर अग्रवाल ने उसे तीन वर्ष पहले नौकरी से निकाल दिया था। साथ में उसे पता था कि पीड़ित के पास काफी नकदी रहती है। वह तीन वर्ष से साजिश रच रहा था।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पकड़े गए नाबालिग के दूसरे साथी को पकड़ लिया। उसने अपने गांव के इस नाबालिग साथी को बुलाकर इस वारदात को अंजाम दिया था। पूरी साजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया गया था। आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से पहले गूगल व यू-ट्यूब पर अपराध से जुड़ी बारीकियां भी सीख ली थीं। आरोपियों के कब्जे से लूटी गई रकम में से 10.37 लाख रुपये, ज्वेलरी, दो घड़ियां, कुछ डॉलर व लूट की रकम से खरीदा गया वीवो मोबाइल बरामद कर लिया है।
नौकरी से निकाल दिया था
पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी नौकर करीब तीन वर्ष पहले पीड़ित के घर में काम करता था। उसने करीब तीन महीने काम किया था। आरोप है कि उसने करीब 20 हजार रुपये चोरी कर लिए थे। इस कारण रामकिशोर अग्रवाल ने उसे घर से निकाल दिया था। उसके पिता जोकि रामकिशोर अग्रवाल के विश्वसनीय थे और ड्राइवरी की नौकरी करते थे, उसे भी नौकरी से निकाल दिया गया था।
इस बात का ये पीड़ित से बदला लेना चहाता था। साथ ही उसे पता था कि पीड़ित के पास हमेशा मोटी रकम रहती है। उसे घर के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। आरोपी नाबालिग आगे की जिंदगी ऐशोआराम की जीना चहाता था। इस कारण उसने हत्या व लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था। वारदात के समय रामकिशोर अग्रवाल ने उसे पहचान लिया था। इस कारण उसने बुजुर्ग की हत्या की थी।
आरोपियों ने ऐसे रची थी साजिश
दोनों नाबालिग आरोपियों ने वारदात से पहले लाजपत राय मार्केट से एक टॉय पिस्टल और चावड़ी बाजार से दो सब्जी काटने वाले चाकू खरीदे थे। इन्होंने 28 अप्रैल को वजीराबाद इलाके से एक मोटरसाइकिल चोरी की। वारदात से एक रात पहले दोनों करीब दस बजे पीड़ित के घर के नजदीक पहुंचे, जहां बाइक खड़ी कर दोनों वहां से चले गए।