इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा । सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।
वहीं, कृषि कानून विरोधी आंदोलन को लेकर कुंडली बार्डर प्रदर्शन में शामिल मजदूर अधिकार संगठन की नौदीप कौर ने कहा कि यह हमारी बहुत बड़ी जीत है, लेकिन अभी भी एमएसपी, शहीद किसानों की कोई बात नहीं, आंदोलन के दौरान एफआइआर, जेल जाने वालों को लेकर कोई बात नहीं की गई। मुकदमा वापस लेने पर सरकार ने कोई बात नहीं की।
नवदीप कौर ने यह भी कहा कि नरेंन्द्र मोदी सरकार का यह फैसाल उत्तर प्रदेश व पंजाब के चुनाव को देखते हुए एक तरह से राजनीतिक फैसला लग रहा है। हालांकि आंदोलन के लेकर अंतिम निर्णय मोर्चा को लेना है। शुक्रवार शाम तक संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होने की संभावना है। बैठक में समग्र रूप से सभी बिंदुओं पर चर्चा के बाद जो भी निर्णय लिया जाएगा, उस पर सभी लोग अमल करेंगे।