नई दिल्‍ली। कांग्रेस पार्टी का अगला अध्‍यक्ष कौन होगा? क्‍या राहुल गांधी फिर कांग्रेस की कमान संभालेंगे या अशोक गहलोत के रूप में कांग्रेस को 24 साल बाद कोई गैर गांधी अध्‍यक्ष मिलेगा? शशि थरूर भी कांग्रेस अध्‍यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं और वह इसे लेकर काफी गंभीर भी नजर आ रहे हैं। ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब अगले कुछ दिनों में मिल जाएगा। हालांकि, इसके अलावा भी कुछ विकल्‍प हैं, जिससे कांग्रेस पार्टी के अगले अध्‍यक्ष पद का चयन हो सकता है।

कांग्रेस अध्‍यक्ष पद के लिए चुनाव की अधिसूचना आज जारी होने जा रही है। कांग्रेस के अध्‍यक्ष पद के चुनाव के लिए रेस कल से शुरू होने जा रही है। 24 सितंबर से 30 सितंबर तक नामांकन किया जाएगा। 8 अक्‍टूबर तक नाम वापस लिया जा सकता है। ऐसे में 8 अक्‍टूबर तक साफ हो जाएगा कि कांग्रेस अध्‍यक्ष पद की रेस में कौन-कौन है या कोई नहीं है। वैसे, उम्‍मीद की जा रही है कि इस बार कांग्रेस अध्‍यक्ष पद की रेस में एक से ज्‍यादा उम्‍मीदवार नजर आ सकते हैं।

राहुल गांधी कांग्रेस अध्‍यक्ष पद की कमान फिर अपने हाथों में लेने से इन्‍कार कर चुके हैं। हालांकि, माहौल राहुल गांधी के पक्ष में बनाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक 8 प्रदेश कांग्रेस समितियां राहुल गांधी को फिर अध्‍यक्ष नियुक्‍त करने का प्रस्‍ताव पारित कर चुकी हैं। ऐसे में अगामी दिनों में अन्‍य प्रदेश कांग्रेस समितियां भी ऐसे प्रस्‍ताव पारित करें, तो कोई हैरानी नहीं होगी। राहुल गांधी भी इशारों ही इशारों में ये संकेत दे चुके हैं कि अगर कोई सामने नहीं आएगा, तो नाव की पतवार उन्‍हें ही संभालनी होगी।

कांग्रेस पार्टी के सामने पहला विकल्‍प तो यही है कि राहुल गांधी को सर्वसम्‍मति से पार्टी अध्‍यक्ष चुन लिया जाए, जैसा कि माहौल बनाया जा रहा है।

दूसरा विकल्‍प यह है कि कांग्रेस अध्‍यक्ष पद के लिए कोई नामांकन ही दाखिल न करे। ऐसे में कांग्रेस वर्किंग कमेटी यह निर्णय लेगी कि क्‍या किया जाए।

पार्टी के सामने तीसरा विकल्‍प यह है कि पार्टी के सभी सदस्‍यों के बीच किस एक नाम पर आम सहमति बन जाए। ऐसे में चुनाव कराने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, शशि थरूर के तेवर देखकर ऐसा होना संभव नहीं लग रहा है।

चौथा और शायद अंतिम विकल्‍प यह बचता है कि एक से अधिक लोग अध्‍यक्ष पद के लिए नामांकन करें और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हो। ऐसे में विपक्ष को भी कोई सवाल उठाने का मौका नहीं मिलेगा।

कांग्रेस पार्टी इस समय जिस अंतर्कलह से गुजर रही है, उसमें गांधी परिवार से बाहर के किसी सदस्‍य को अगर अध्‍यक्ष बनाया जाता है, तो स्थिति में कुछ सुधार आएगा। कांग्रेस के नाराज नेताओं का ग्रुप (G-23) भी इस स्थिति में कुछ नरम होगा।