चुनाव में मतदाताओं के रुख से मेरठ जिले की सीटों पर भी दिलचस्प मुकाबले हुए हैं। यहां देहात के इलाकों में मतदान पर गन्ना आंदोलन का असर दिखाई दिया तो शहर में ध्रुवीकरण की हवा भी बही। यहां मंत्री दिनेश खटीक, भाजपा के चर्चित नेता संगीत सोम और सपा के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर की साख दांव पर है।

कैंट में भाजपा के अमित अग्रवाल के साथ सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी मनीषा अहलावत ही मुकाबला करती दिखाई दीं। यहां भाजपा के मतदाताओं में काफी उत्साह दिखाई दिया। कई इलाकों के बूथों पर बसपा के अमित शर्मा और कांग्रेस के अवनीश काजला के बस्ते नजर नही आए। किठौर विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री और सपा-रालोद प्रत्याशी शाहिद मंजूर और भाजपा के मौजूदा विधायक सत्यवीर त्यागी के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दी। यहां बसपा के केपी मावी से सजातीय वोट बैंक छिटक गया। दलित मतदाताओं में उत्साह नहीं दिखा।

मेरठ दक्षिण सीट पर भाजपा के विधायक सोमेंद्र तोमर और सपा के आदिल चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला दिखाई दिया। यहां बसपा का बेस वोट बैंक अधिकतर इलाको में हाथी के साथ ही चलता नजर आया तो कांग्रेस का हाथ का पंजा मुस्लिमों में ही खास जगह बनाता नहीं दिखा। ऐसे में यहां मुख्य मुकाबला भाजपा के सोमेंद्र और सपा के आदिल के बीच ही होता नजर आया।

शहर सीट पर सीधा मुकाबला
मेरठ शहर सीट पर सपा और भाजपा के बीच ही लड़ाई नजर आई। यहां कांग्रेस प्रत्याशी रंजन शर्मा ने भाजपा के कमलदत्त की मुश्किलें बढ़ाईं तो वहीं रफीक अंसारी की राह में बसपा के दिलशाद शौकत आए। हालांकि दोपहर बाद यहां पहले के चुनावों की तरह ही ध्रुवीकरण की हवा बहने लगी। इसके बाद हाथी की चाल और पंजे की कोशिश कमजोर नजर आई।

योगेश को जाटों का, खटीक को गुर्जरों का सहारा
हस्तिनापुर सीट पर भी भाजपा के मंत्री दिनेश खटीक और सपा प्रत्याशी योगेश वर्मा के बीच कड़ा मुकाबला नजर आया। योगेश वर्मा को जाट मतदाताओं ने ताकत दी तो दिनेश खटीक को गुर्जरों ने सहारा दिया है। यह सुरक्षित सीट है। जाटव मतों में योगेश बड़ी सेंध लगाते नजर आए तो अन्य अनुसूचित जातियां खटीक की तरफ दिखीं। मुस्लिम योगेश के साथ लामबंद होता नजर आया तो अति पिछड़ी जातियों का रुझान खटीक की तरफ रहा।

सिवालखास में किसान आंदोलन का असर
सिवालखास सीट पर सपा-रालोद गठबंधन और भाजपा प्रत्याशी मनिंदरपाल सिंह के बीच कड़ा मुकाबला है। यहां जाट और मुस्लिम मतदाताओं की जुगलबंदी ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ाई हैं। भाजपा ने यहां विधायक जितेंद्र सतवाई का टिकट बदलकर मनिंदरपाल सिंह को उतारा था। मनिंदर के पक्ष में यहां भाजपा के परंपरागत वोटर के साथ अतिपिछड़ी जातियां लामबंद हैं। मेरठ जिले की इस सीट पर किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर है।

संगीत की धुन के बीच साइकिल ने पकड़ी रफ्तार
सरधना सीट पर भाजपा प्रत्याशी संगीत सोम और सपा के अतुल प्रधान के बीच कड़ी टक्कर नजर आई। ठाकुर चौबीसी के 24 गांवों में संगीत के लिए जबरदस्त रुझान दिखा तो गुर्जर और जाट बहुल गांवों में सपा के अतुल प्रधान की साइकिल दौड़ती नजर आई। मुस्लिम मतों में यहां कांग्रेस के रिहानुद्दीन सेंध नहीं लगा सके। बसपा के संजीव धामा जाट मतों पर खास प्रभाव नहीं डाल पाए। दलितों और सैनी बिरादरी के कुछ मतों में भी सपा ने सेंध लगाई है।