नई दिल्ली: दुनियाभर में रमजान की शुरुआत होने वाली है. इस पाक महीने में इस्लाम मजहब को मानने वाले 30 दिनों का रोजा रखते हैं और सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते-पीते. गर्मियों के दिनों रोजेदारों के लिए इस परंपरा को निभाना मुश्किल होता है, लेकिन वो अल्लाह के हुक्म की पूरी तामील करते हैं.

सूरज ढलने के वक्त इफ्तारी खाकर रोजा खोला जाता है जिसमें कई खास तरह के फूड्स खाए जाते हैं, लोग इसमें खजूर को जरूर शामिल करते है. इसके पीछे मान्यता है कि ये इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का पसंदीदा फल था. वो खजूर खाकर रोजा खोलते थे. इसी परंपरा को मुस्लिम आज भी निभाते हैं. लेकिन आप जानते हैं ऐसा करने के पीछे का साइंस क्या है?

1. जब कोई इंसान दिनभर भूख की शिद्दत में होता है तो उसके शरीर में ऊर्जा काफी कम हो जाती है. इन हालात में ऐसी चीजें खानी चाहिए जिससे बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी मिले. खजूर इस जरूरत को पूरा करता है.

2. खजूर खाने से शरीर को राहत मिलती है, इसके अलावा इफ्तार के दौरान खाई जाने वाली चीजों का डाइजेशन सही तरीके से होता है और गैस से जुड़ी परेशानी भी नहीं होती.

3. कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि खजूर खाने से बॉडी को जरूरी फाइबर्स मिलते हैं, इसके अलावा ये फल न्यूट्रिएंट्स से भी भरपूर है.

4. खजूर में मौजूद मैग्नीशियम, कॉपर विटामिन, आयरन और प्रोटीन से बॉडी एक्टिव रखती है.

5. खजूर में एल्केलाइन साल्ट होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा भी कम हो जाता है.

6. खजूर का डाइजेशन आसानी से हो जाता है यही वजह है कि खाली पेट इसे खाने से कोई नुकसान नहीं होता है.