नई दिल्ली। देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. जिसे अंग्रजी में रिपब्लिक डे कहा जाता है. इसका सीधा सा मतलब होता है कि इस दिन संविधान सभा देश को गणतंत्र घोषित कर दिया था, लेकिन जीनियस लोगों के मन में यहां से सवाल उठता है कि हमारे पूर्वजों ने इसी दिन को क्यों चुना? आपको बता दें कि इसी दिन यानी 26 जनवरी 1929 को कांग्रेस ने अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ ‘पूर्ण स्वराज’ का नारा दिया था.
कुछ ही दिनों में 26 जनवरी आने वाली है. देशभर में इस पर्व की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ही क्यों सेलिब्रेट करते हैं. दरअसल, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपना लिया था. इसके ठीक 2 महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ लागू कर दिया गया. इस दिन से भारत पूर्ण गणतंत्र घोषित हो गया. इसी दिन संविधान लागू करने की एक प्रमुख वजह यह भी थी कि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की आजादी की घोषणा की थी.
आप यह बात तो जानते ही हैं कि देश 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र बना था, लेकिन समय के बारे में शायद ही जानते होंगे. भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 मिनट पर गणतंत्र बना था. इसके ठीक 6 मिनट बाद यानी 10 बजकर 24 मिनट पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. इसके बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पहली बार राष्ट्रपति के रूप में बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन के लिए निकले थे. पहले उन्होंने सेना की सलामी ली और यहीं उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया.