नई दिल्ली. कार नई हो या पुरानी, यह कभी भी आपको धोखा दे सकती है. भले ही इन दिनों कारों में ट्यूबलेस टायर आने लगे हों, लेकिन टायर पंक्चर होने की स्थिति में या पूरी तरह से हवा निकल जाने की स्थिति में आपको स्पेयर टायर की ही जरूरत पड़ेगी. स्पेयर टायर को हम स्टेपनी भी कहते हैं. यह टायर उस स्थिति में काम आता है जब आपकी कार का मुख्य टायर पंच हो जाता है. स्टेपनी टायर आपको एक ब्रेकडाउन से बचाने में मदद कर सकता है. लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि आखिर स्टेपनी टायर बाकी टायरों की तुलना में आखिर छोटा क्यों होता है?

आमतौर पर देखा गया है कि जिन कारों में मुख्य टायर 15 इंच के होंगे, उनके स्पेयर टायर का साइज 14 इंच होता है. कार का स्पेयर टायर बाकी टायरों से छोटा होता है क्योंकि इसका उपयोग उन समयों में किया जाता है जब आपकी कार का मुख्य टायर पंच हो जाता है और आपको एक नया टायर लगाने की जरूरत होती है. स्पेयर टायर छोटा होने से इसे कार की डिक्की में आसानी से रखा जा सकता है. इसके अलावा, इसका वजन भी कम होता है जिससे कि इसे आसानी से निकाला जा सकता है.

दूसरी वजह है कि कार के बेस वेरिएंट में आपको छोटे साइज के व्हील मिलते हैं, जबकि टॉप वेरिएंट में कंपनी थोड़े बड़े साइज के व्हील दे देती है. लेकिन कंपनी स्पेयर टायर एक जैसा ही रखती है, जिसकी वजह से टॉप वेरिएंट में भी आपको छोटे साइज वाला स्पेयर टायर ही मिलता है.

तीसरी वजह कॉस्ट कटिंग भी है. दरअसल, स्टेपनी का इस्तेमाल बेहद सीमित दूरी की यात्रा करने के लिए किया जाता है. इसे सीमित स्पीड पर ही इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. ऐसे में इस टायर को बड़े साइज और बेहतरीन क्वालिटी का देने से कंपनी का ही नुकसान है.

स्टेपनी टायर आपकी सुरक्षा को बढ़ाता है. यह आपको कार के पंचर होने के बाद भी कार इस्तेमाल करने में मदद करता है.
स्टेपनी टायर को ठीक से रखने से आप उसकी उम्र बढ़ा सकते हैं.
स्टेपनी टायर आपके बजट में फिट होता है. यह आपको टायर के खर्चे से बचाता है.
स्टेपनी टायर आपको एक सुरक्षित महसूस कराता है. इसकी वजह से आपको पता होता है कि आप ब्रेकडाउन के समय भी कुछ दूरी चल सकते हैं.