नई दिल्ली. पिछले 2 दिनों से भारतीय शेयर बाजार काफी गिर गए हैं. बीएसई सेंसेक्स में 1,000 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई है तो निफ्टी 50 भी इस दौरान 300 पॉइन्ट्स से ज्यादा गिर गया है. मिडिल ईस्ट में राजनीतिक तनाव के चलते ऑयल मार्केट्स में भय का माहौल है और अब ये डर इक्विटी मार्केट में गिरावट के तौर पर देखा जा सकता है. इकॉनोमिक्स टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, IT, FMCG और फिनांशियल सेक्टर में सेलिंग का प्रेशर देखा जा रहा है तो ऑटो और मेटल में खरीदारी आई है.

बुधवार को सेंसेक्स 654 अंक गिरकर 60,098.82 पर बंद हुआ. यह गिरावट 1.08 प्रतिशत थी. हालांकि दिन में एक समय ऐसा भी था, जब इसे 920 अंक तक गिरे हुए देखा गया. NSE निफ्टी में आज 174 अंकों की गिरावट आई और ये 18 हजार के महत्वपूर्ण लेवल को तोड़ते हुए 17,938.40 पर बंद हुआ. इस गिरावट में निवेशकों के 1.37 लाख करोड़ रुपये डूब गए.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती मुद्रास्फीति के रूप में रिस्क सेंटीमेंट्स को झटका लगा, जिसके परिणामस्वरूप मौजूदा राजनीतिक तनाव के साथ-साथ बॉन्ड यील्ड में वृद्धि हुई और तेल की कीमतों में उछाल ने निवेशकों के विश्वास को हिला दिया. FIIs की सेलिंग के चलते घरेलू बाजार को लगातार दूसरे दिन गिरने के लिए विवश कर दिया.

ब्लूचिप स्टॉक्स में ओएनजीसी 3.45 फीसदी की बढ़त के साथ टॉप पर रही. टाटा मोटर्स, यूपीएल, मारुति सुजुकी, कोल इंडिया, एसबीआई, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, बजाज ऑटो, टाटा स्टील और इंडियन ऑयल अन्य बढ़त के साथ बंद हुए.

निफ्टी में इंफोसिस 2.90 फीसदी की गिरावट के साथ गिरने वालों में टॉप पर रहा. श्री सीमेंट, एशियन पेंट्स, अदानी पोर्ट्स, एचयूएल, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस भी गिरने वालों में शामिल रहे.

ब्रॉडर मार्केट इंडेक्स मिक्स्ड रहे. निफ्टी स्मालकॉप में 0.01 प्रतिशत की बढ़त दिखाई तो निफ्टी मिडकैप 0.06 प्रतिशत गिर गया. निफ्टी का ब्रॉडर इंडेक्स निफ्टी 500 भी गिरा. यह 0.65 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ.