ग्वालियर. ग्वालियर में एक अजीबो गरीब वाकया सामने आया. 24 घंटे पहले जिस व्यक्ति को मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार किया गया था वो जिंदा लौट आया. घर वाले भौंचक थे. अपनी आंखों पर उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था. उनकी आंखों से अब भी आंसू बह रहे थे लेकिन इस बार ये खुशी के थे.

बेटे ने मुंडन कराकर अंतिम संस्कार कर दिया. पत्नी ने चूड़ियां फोड़कर मांग का सिंदूर पोछ दिया. परिवार वाले अस्थियां उठाने शमशान जा रहे थे तभी वो शख्स अचानक जिंदा लौट आया. परिवार में तो खुशी दौड़ गयी लेकिन पुलिस चक्कर में पड़ गयी है कि जिसका अंतिम संस्कार किया गया फिर वो कौन था.

24 घंटे पहले किया था अंतिम संस्कार
इंदरगंज के नौगजा रोड इलाके में रहने वाला रोहित कुशवाहा 10 दिन पहले घर से मंदिर के लिए निकला था. लेकिन लौटकर नहीं आया. 2 दिन पहले महाराज बाड़ा के पार्क में किसी व्यक्ति की लावारिस लाश मिली. पुलिस ने रोहित के परिवार वालों को जानकारी दी. लाश की शिनाख़्त करने बुलाया. डेड हाउस में लाश थी. उसका चेहरा बिगड़ा हुआ था. एक हाथ और पैर दिव्यांग था. रोहित भी एक हाथ और पैर से विकलांग है. परिवार वालों ने रोहित जैसी कद काठी देख उसकी शिनाख्त रोहित के तौर पर कर ली. पुलिस ने लाश का च्ड करवा कर परिवार को सौंप दिया. परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा लेकिन नियति के आगे किस की चली है ये सोचकर परिवार ने विधि विधान से अंतिम संस्कार कर दिया.

अस्थियां उठाने जा रहे थे कि ज़िंदा होने की खबर आ गयी
शुक्रवार को रोहित का परिवार अस्थी संचय के लिए मुक्तिधाम जा रहा था. उसी दौरान खबर मिली कि रोहित तो जिंदा है और अपनी ससुराल गिरवाई पहुंच गया है. ख़बर मिलते ही परिवार के लोग भागे भागे ससुराल पहुंच गए. वहां रोहित को ज़िंदा देख उनकी खुशी का ठिकाना न रहा. रोहित ने बताया कि वो गिरवाई में बेपुरा माता के मंदिर दर्शन करने गया था. फिर वहीं रुक गया था.

रोहित जिंदा है तो फिर मृतक कौन?
कुशवाहा परिवार तो खुश है लेकिन पुलिस परेशानी में पड़ गयी है. अगर रोहित ज़िंदा है तो फिर मरने वाला शख्स कौन है, जिसका अंतिम संस्कार किया गया. ग्वालियर ैच् अमित सांघी का कहना है शव को परिवार को सौंपने से पहले फिंगर प्रिंट ले लिए गए थे. फिंगर प्रिंट के आधार पर अब मृतक की शिनाख्त की जाएगी. मृतक के कपड़े और फोटो पुलिस के पास हैं. आगे पड़ताल की जा रही है.