प्रयागराज: दाल को एक संपूर्ण आहार माना जाता है या यूं कहें सबसे ज्यादा प्रोटीन की उत्पादकता दूसरे स्थान पर है. ग्रामीण अंचल में पहले पहर के भोजन में दाल जरूर बनाया जाता है, लेकिन पिछले दो सप्ताह के भीतर गर्मी की तरह दाल में भी आग लग गई है. यानी दामों में बेतहाशा वृद्धि. गरीब परिवार की बात ही छोड़ ही दे तो सामान्य मध्यम के गले से यह गर्म दाल नहीं हजम हो पा रही है. ऐसे में घरेलू महिलाओं के साथ साथ सामान्य जन में बड़ी समस्या बनती जा रही है.
बीते 2 सप्ताह के भीतर 15 से ₹20 प्रति किलो दाल की बिक्री में उछाल आया है. आमजन के साथ-साथ व्यापारी वर्ग भी इस बढ़ोतरी से खासा परेशान है. पहले थोक के भाव में यह दाल 100 से ₹110 प्रति किलो मिल रही थी. अब यह बढ़कर 120 से 125 हो गई है. फुटकर में ₹110 प्रति किलो बिकने वाली दाल 125 से ₹130 बिक रही है. वहीं अच्छी गुणवत्ता वाली अरहर दाल ₹115 से बढ़कर ₹135 बिक रही है. व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र से दाल का आयात किया जाता है, लेकिन इस बार वहां दाल की पैदावार अच्छी नहीं हुई है इसलिए दामों में तेजी आ रही है.
ता है कट-ऑफ ?
भारत में म्यामांर और सूडान से अरहर दाल की खरीदारी करता है. म्यामांर से आने वाली दाल के दाम बढ़ाए गए हैं. वहीं सूडान से पर्याप्त मात्रा में आयात नहीं हो पा रही है. थोक विक्रेता अजय गुप्ता ने बताया कि इस बार महाराष्ट्र में पैदावार अच्छी नहीं है. जिस कारण से हमें देखने को मिल रहा है. अगर यही हाल रहा तो दाम अभी और बढ़ने के आसार है. माह भर बाद बाजार में नमी देखने को मिल सकती है.