नई दिल्लीः चंद्रबाबू नायडू की नई दिल्ली की कई यात्राओं के बीच, ऐसी खबरें आ रही हैं कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जल्द ही एक नया राजनीतिक गठबंधन देखने को मिल सकता है. सूत्रों ने की मानें तो तेलुगू देशम पार्टी को 4 साल से अधिक समय के बाद अब एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापसी करना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेदेपा प्रमुख नरा चंद्रबाबू नायडू से दिल्ली में मुलाकात की थी. सूत्रों ने कहा कि भाजपा और तेदेपा, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में गठबंधन पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि दोनों राज्यों में टीडीपी का अच्छा वोट बैंक है.

हालांकि, भाजपा के आंध्र प्रदेश सह-प्रभारी सुनील देवधर ने इन खबरों का खंडन किया है. उन्होंने कहा, ‘तेदेपा का एनडीए में शामिल होने वाली खबरें निराधार हैं. केंद्रीय संसदीय बोर्ड इस पर फैसला करता है. पीएम ने एक कार्यक्रम में चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की, जहां उन्होंने कई अन्य नेताओं से भी मुलाकात की. इसे राजनीतिक एंगल से नहीं देखा जाना चाहिए. आंध्र प्रदेश की दोनों पार्टियां (YSRCP और TDP) वंशवादी और भ्रष्ट हैं.’

विशेष रूप से, 76वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान, चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी की प्रशंसा की थी. तिरंगा फहराने के बाद एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मैंने महसूस किया कि भारत 400 साल पहले की तरह पारंपरिक संस्कृति में अन्य देशों से आगे है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी सहित शुरू से ही शीर्ष पर रहे नेताओं को इसका श्रेय दिया. आपको बता दें कि आज से 4 वर्ष पहले चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र के लिए विशेष पैकेज के मुद्दे पर राजग से नाता तोड़ लिया था. उन्होंने भाजपा पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया था.

इसके जवाब में, भाजपा ने आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार से अपने कोटे के मंत्रियों को हटा लिया था और तेदेपा पर ‘राजनीतिक अवसरवाद’ का आरोप मढ़ा था. अपनी पार्टी के विधायकों और सांसदों के दबाव में, नायडू ने आंध्र को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को आगे बढ़ाया था, जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने अनसुना कर दिया था. तेदेपा की मांग पर तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, ‘केंद्र के पास फ्री-फ्लोटिंग फंड नहीं है. भारत के हर राज्य को समान रूप से समान केंद्रीय धन का अधिकार है. मुझे आंध्र प्रदेश से सहानुभूति है…क्योंकि हमें पता है कि उसका बंटवारा (अलग राज्य तेलंगाना का गठन) हुआ है.’