नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से चीन में लाखों लोगों को अपना शिकार बना चुके कोविड-19 के नए वैरिएंट Omicron BF.7 ने भारत में भी दस्तक दे दी है. यह वैरिएंट बेहद खतरनाक माना जा रहा है और इससे संक्रमण की रफ्तार बेहद तेजी से बढ़ सकती है. अब लोगों को एक बार कोरोना के कहर की चिंता सता रही है. नए खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार भी एक्टिव हो गई है और इससे निपटने के उपाय किए जा रहे हैं. अब सवाल उठता है कि क्या कोविड-19 का नया वैरिएंट भारत में कोरोना की नई लहर ला सकता है? क्या इससे हालात एक बार फिर भयावह हो सकते हैं? इस पर हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय जान लेते हैं.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रीवेंटिव हेल्थ डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत कहती हैं कि कोरोनावायरस समय-समय पर म्यूटेट हो रहा है और नए वैरिएंट निकलकर सामने आ रहे हैं. कोरोना का नया वैरिएंट ज्यादा तेजी से फैल सकता है और सीवियर इलनेस की वजह बन सकता है. हो सकता है कि अगले कुछ सप्ताह में भारत में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो जाए, लेकिन अगर सावधानी बढ़ती जाए तो हालात को वक्त रहते कंट्रोल किया जा सकता है. भारत में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन हो चुका है, इसलिए नए वैरिएंट के घातक होने की संभावना कम है. हालांकि वैक्सीन नई वैरिएंट पर कितना असर करेगी, इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. फिलहाल सभी को सतर्क रहने की जरूरत है.

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और एनडीएमसी के रिटायर्ड सीएमओ डॉ. अनिल बंसल की मानें तो नए वैरिएंट ने भारत में कोरोना की नई लहर के खतरे को बढ़ा दिया है. आजकल इंटरनेशनल ट्रैवलिंग की वजह से एक देश से दूसरे देश में वायरस आसानी से पहुंच जाता है. शुरुआत में 5-7 दिनों तक इसके लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन यह लोगों को संक्रमित करता रहता है. वैक्सीन की बात करें तो नए वैरीएंट पर वैक्सीन का असर काफी कम हो जाता है, लेकिन इसका सही अंदाजा रिसर्च के बाद ही लग सकेगा. भारत में अगर मामले बढ़ते हैं तो हालात गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि अचानक मामले बढ़ने से हेल्थ सिस्टम चरमरा जाता है. एक जरूरी बात यह भी है कि कोविड से संक्रमित होने पर लोगों को क्वालिफाइड डॉक्टर से ही इलाज कराना चाहिए, वरना संक्रमण बुरी तरह फैल सकता है.

डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना के नए वैरिएंट से उन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है, जो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, एचआईवी या अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. दमा, सांस या अन्य रेस्पिरेटरी डिजीज वाले लोगों के लंग्स में पहुंचकर यह वायरल सीवियर कंडीशन पैदा कर सकता है. इसलिए कमजोर इम्यूनिटी और बीमारियों से जूझ रहे लोगों को खास ख्याल रखना चाहिए. अगर किसी ने वैक्सीन की बूस्टर डोज नहीं लगवाई, तो जल्द से जल्द यह डोज लगवाकर खुद की सुरक्षा मजबूत करनी चाहिए.

एक्सपर्ट्स की मानें तो लोगों को नए वैरिएंट को लेकर अभी से सावधानी बरतनी होगी, वरना हालात भयावह हो सकते हैं. अगले कुछ दिनों में क्रिसमस और नए साल की पार्टी होंगी, जिनमें भीड़भाड़ से वायरस फैलने का खतरा ज्यादा है. इससे बचने के लिए लोगों को मास्क लगाना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहना होगा. पहले की तरह कोविड नियमों का सख्ती से पालन करके नई लहर को रोका जा सकता है. अगर इन चीजों में लापरवाही बरती गई, तो संक्रमण