नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा दूसरी तरफ शीतलहर का प्रकोप, ऐसे में सभी के जेहन में अब यही सवाल है कि क्या स्कूल बंद किए जा सकते हैं? इस सवाल ने तब से और जोर पकड़ लिया है जब के केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है.

केंद्र सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद कुछ राज्यों के शिक्षा विभाग में भी राज्य के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को जल्द से जल्द उचित फैसला लेने का निर्देश जारी किया है. केंद्र सरकार ने गाइडलाइन में कहा है कि, अगर तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाता है तो ऐसी स्थिति में है सुबह की पाली मैं स्कूलों का संचालन नहीं किया जाए. इसके अलावा अगर जरूरत पड़ी तो स्कूल को बंद भी किया जा सकता है.

केंद्र सरकार ने ठंड के असर को देखते हुए सभी राज्यों में अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि, पटना के मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया है कि दो-तीन दिनों में ही तापमान बहुत तेजी से नीचे गिरने वाला है, ऐसे में अगर तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है तो इसे शीतलहर की स्थिति मानी जाती है. दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी के तीसरे सप्ताह तक शीतलहर की स्थिति बनी रहती है ऐसे में अगर स्कूलों को बंद करना पड़े तो स्कूल के प्रधानाध्यापक शिक्षक बच्चों और अभिभावकों को तुरंत सूचना उपलब्ध कराएं.

इसके अलावा शीतलहर से बचाव के लिए विद्यालयों के नोटिस बोर्ड पर बचाव के लिए दिशा निर्देश के पोस्टर लगाने के निर्देश दिए जाएं. बता दें कि कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण और ठंड के असर को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्‍यों को इस बारे में अलर्ट कर दिया है. हालांकि, अभी राज्‍य के ज्‍यादातर हिस्‍सों में तापमान सात डिग्री सेल्‍सियस तक नहीं पहुंचा है. लेकिन, पटना के मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक दो-तीन दिनों में ही तापमान इस हद तक नीचे जा भी सकता है.

दरअसल केंद्र सरकार की गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि तापमान सात डिग्री सेल्सियस से कम हो जाए, तो इसे शीतलहर की स्थिति मानी जाती है. इसके मद्देनजर जाड़ा में कारोना की स्थिति से बचाव के लिए आवश्यक कार्रवाई करें. स्कूलों को सैनेटाइज कराएं. सैनेटाइज कराने के लिए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि और बीडीओ का सहयोग लें. इसके साथ ही बचाव के लिए कई सामान्य निर्देश दिए गए हैं.