नई दिल्ली: अभी देश में बेरोजगारी को लेकर हो-हल्ला मचा हुआ है, इस बीच एक ऐसा प्रस्ताव आया है जिसमें रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की बात कही गई है. प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाने की वकालत की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वक्त में देश में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ेगी.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने सरकार को रिटायमरेंट की उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. परिषद का कहना है कि बेहतर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से अनुमानित जीवन काल में बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है. परिषद का कहना है कि बुजुर्ग लोगों को भी उनकी पिछली पीढ़ी के मुकाबले ज्यादा समय तक काम करने की इजाजत मिलनी चाहिए.

बुधवार को जारी इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिटायरमेंट की उम्र को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि भारत युवाओं का देश है और यहां कामकाजी आबादी बहुत ज्यादा है. परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने से मौजूदा कर्मचारियों की जरूरतों और नौकरियों की उपलब्धता से समझौता किए बिना बुजुर्ग लोगों के लिए रोजगार के मौके बनते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कामकाजी उम्र की आबादी को बढ़ाने के लिए भी सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की जरूरत है, या यह सामाजिक सुरक्षा प्रणाली पर दबाव को कम नहीं कर सकता है और देश के लिए इसे हासिल करना मुश्किल है. रिपोर्ट में 50 साल से ऊपर के व्यक्तियों के स्किल डेवलपमेंट की बात भी कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया है केंद्र और राज्य सरकारों को ऐसी नीतियां बनाई जानी चाहिए जिससे उनका कौशल विकास किया जा सके. इस प्रयास में असंगठित क्षेत्र, दूरदराज के इलाकों में रहने वाले, रिफ्यूजी, प्रवासियों को भी शामिल किया जाना चाहिए जिनके पास ट्रेनिंग हासिल करने के साधन नहीं होते हैं.