नई दिल्ली: दुनियाभर के लोगों के ग्लोबल वार्मिंग फिक्र का सबब है. इसकी वजह से धरती पर जबरदस्त हलचल देखी जा रही है. कभी भारी बारिश, सूखा, तो कभी बाढ़ जैसे अनचाहे हालात पैदा हो रहे हैं. हमें जल्द से जल्द इस वैशविक समस्या का हल खोज निकालना होगा वरना हम अपनी तबाही अपने आंखे के सामने देखने को मजबूर हो जाएंगे.

तेजी से पिघल रहा ग्लेशियर
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ध्रुवों पर जमी बर्फ तेजी से पिघल रही है और समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. इसका नतीजा होगा कि कई खूबसूरत आइलैंड्स और समंदर किनारे बसे शहर डूब जाएंगे कई साल पहले अमेरिकी वैज्ञानिक बेनो गुटेनबर्ग ने अपने रिसर्च के जरिए बताया था कि सागर का पानी बढ़ रहा है, फिर नब्बे के दशक में नासा ने भी इस बात पर मुहर लागा दी थी.

भविष्य में डूब जाएगा मालदीव?
हिंद महासागर के बीचों बीच बसा देश मालदीव टूरिस्ट्स के लिए टॉप डिस्टिनेशन माना जाता है. यहां के बीच विला दुनियाभर के सैलानियों को आकर्षित करते हैं. भारत के लोगों के लिए भी मालदीव सबसे पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस है. लेकिन क्या ये खूबसूती भविष्य में गायब हो जाएगी?

मालदीव पर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा
हिंद महासागर की शान कहे जाने वाले इस आइलैंड नेशन पर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है. वर्ल्ड बैंक समेत कई संस्थाओं को इस बात का डर है कि जिस हिसाब से मालदीव के आसपास के समंदर का पानी बढ़ रहा है, साल 2100 तक द्वीपों से बना ये देश पूरी तरह पानी में समा सकता है.

इतनी बड़ी आबादी का क्या होगा?
भारत के दक्षिण में बसे इस मुल्क की आबादी साढ़े 5 लाख से थोड़ी कम है अगर ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मालदीव (Maldives) जलमग्न हो गया तो यहां के नागरिक का घर पूरी तरह छिन जाएगा. तब समस्या पैदा होगी कि इस बड़ी आबादी के लिए नया मुल्क कैसे खोजा जाएगा.