नई दिल्ली. सामान्य स्थिति में जब हम धरती से किसी चीज को ऊपर फेंकते हैं तो वह वापस आ जाती है. लेकिन जब वैज्ञानिकों को किसी सेटेलाइट या किसी ग्रह पर मिशन भेजना हो तो वह इसमें सफल रहते हैं.
इसका कारण क्या है. आखिर कितनी तेज गति से किसी चीज को फेंका जाए कि वह धरती से बाहर चली जाए. इसको लेकर आपके मन में सवाल जरूर उठता होगा. आपके इसी सवाल का जवाब हम अपने इस आर्टिकल के जरिए देंगे-
किसी चीज को ऊपर फेंकने पर उसके वापस आ जाने का कारण धरती का गुरुत्वाकर्षण बल है. सामान्य तरीके से फेंकी गई कोई भी वस्तु इसी की वजह से धरती पर रह जाती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि धरती के गुरुत्वाकर्षण की परिधि को पार नहीं किया जा सकता.
अगर ऐसा नहीं होता तो दूसरे ग्रहों और अंतरिक्ष तक मानव की पहुंच नहीं हो पाती. हालांकि इसके लिए विशेष तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों की जरूरत पड़ती है.
धरती के गुरुत्वाकर्षण की परिधि को पार करने के लिए किसी वस्तु को कम से कम 11.2 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से फेंकना होगा यानी वस्तु को इतनी तेज फेंका जाए कि वह एक सेकेंड में कम से कम 11.2 किलोमीटर की दूरी तय करे. यह वो स्पीड है जिससे किसी वस्तु को फेंकने पर वह धरती के गुरुत्वाकर्षण की परिधि से बाहर चली जाएगी और वापस नहीं आएगी.
वैज्ञानिक इसी गति से अपने किसी अभियान को धरती से बाहर भेजते हैं. उनके द्वारा अपना अभियान धरती से बाहर भेजने के दौरान गति इससे ज्यादा हो सकती है कम नहीं. इससे कम गति होने की स्थिति में वस्तु पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र से बाहर नहीं जाएगी. इस गति से सामान्य तरीके से किसी चीज को नहीं फेका जा सकता. इसके लिए खास तकनीक की जरूरत होती है.