नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के बाहर आग लगाने वाली युवती व उसके पुरुष मित्र ने घटना से पहले फेसबुक लाइव कर लोगों को अपनी व्यथा उजागर किया। पहले पीड़िता ने बताया कि पूरी यूपी पुलिस द्वारा सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को चरित्रहीन साबित किया गया। एक हिस्ट्रीशीटर सांसद को बचाने के लिए पुलिस ने ऐसा किया।

जिसमें तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक,नरही के तत्कालीन टीबी सिंह,सीओ अमरेश सिंह, दरोगा संजय राय, उनका बेटा विवेक राय, तत्कालीन आईजी अमिताभ ठाकुर की मुख्य भूमिका बताया। पीड़िता ने वर्तमान जज पर भी सवाल खड़े किए। उसने बताया कि सभी लोग एक गिरोह के तरह काम कर रहे हैं।

पीड़िता ने कहा कि आईजी अमिताभ ठाकुर ने आरोपित सांसद अतुल राय को बचाने के लिए कदम उठाया। ये लोग चाहते थे कि हम लोग मर जाएं आज वही साकार हो गया। अब ये लोग चाहे जितनी रिपोर्ट दर्ज करा लें चाहे जितने गैर जमानती वारंट निकलवा लें। हम लोग अब मौत के मुंह में जा रहे हैं।

न्याय की आस से टूट चुके दोनों पीड़ितों ने कहा कि दिनरात भूखे रहकर उन्होंने न्याय की लड़ाई लड़ी। इस दौरान यूपी पुलिस व आरोपित लगातार उन्हें प्रताड़ित करते रहे। पीड़िता के पुरुष मित्र ने कहा कि उसपर दो फर्जी दुष्कर्म दर्ज कराए गए। उक्त दोनों मामलों में पीड़िता का कोई अता पता नहीं हैं। करीब 10 मिनट के फेसबुक लाइव में दोनों ने एक दूसरे पर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेलकर लाइटर जला आग लगा लिया।