मेरठ। गोतस्कर अकबर बंजारा और उसके गैंग की गतिविधियों और अब तक के आपराधिक इतिहास की रिपोर्ट शासन स्तर पर मांगी गई है। अकबर बंजारा व उसका भाई सलमान की 19 अप्रैल 2022 को असम पुलिस की कस्टडी में असम में मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने अकबर गैंग के कुछ सदस्यों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है और इनकी करीब 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति चिह्नित की गई है। इस मामले में ही तमाम रिपोर्ट मांगी गई है।
फलावदा कस्बा स्थित बंजारान मोहल्ला निवासी अकबर बंजारा और उसका भाई सलमान बड़े गोतस्कर थे। यूपी समेत कई राज्यों से प्रतिबंधित पशुओं का मांस असम और पूर्वी राज्यों से होते हुए बांग्लादेश सप्लाई करते थे। इस संबंध में असम में मुकदमा दर्ज है और अकबर पर दो लाख रुपये का इनाम भी था। 13 अप्रैल को अकबर और उसके भाई सलमान को फलावदा और एसओजी ने पकड़ा था। इसकी जानकारी पर असम पुलिस 14 अप्रैल को बी-वारंट पर दोनों आरोपियों को अपने साथ ले गई थी।
तस्करी का रास्ता देखने के दौरान 19 अप्रैल की रात असम पुलिस दोनों भाइयों को जा रही थी। इस दौरान उग्रवादियों ने पुलिस टीम पर असम के कोकराझार में हमला किया था। इस दौरान हुई गोलीबारी में अकबर बंजारा और सलमान बंजारा की मौत हो गई थी। उसके बाद फलावदा पुलिस ने अकबर बंजारा और उसके गिरोह के 6 सदस्यों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है। पुलिस की ओर से मोहम्मद बाबू खान निवासी फलावदा, शमीम बंजारा, रंजीत छीपी निवासी मलिया खुर्द पंजाब और इकबाल पुत्र हाजी सईद निवासी संभलहेड़ी, मीरापुर मुजफ्फरनगर के खिलाफ गैंगस्टर के तहत केस दर्ज किया गया।
अब शासन की ओर से इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। गिरोह कहां-कहां फैला था और कौन कौन लोग गिरोह के सदस्य हैं, इस संबंध में जानकारी ली जा रही है। इस मामले में बाकी आरोपियों पर भी कार्रवाई की तैयारी है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि अकबर बंजारा और उसके भाई द्वारा अपराध करके अर्जित की गई संपत्ति की जांच चल रही है। पुलिस अवैध संपत्ति कुर्क करेगी।