नई दिल्ली. आज हर व्यक्ति महंगाई के दौर में किसी न किसी निवेश के बारे में जरूर सोचता है, और छोटे-छोटे निवेश करता रहता है. आज कल हज़ारो लोग स्मॉल सेविंग स्कीम्स यानी लघु बचत योजनाओं में निवेश करते हैं. अधिकतर लोगों को निवेश करते समय यह पता नहीं होता कि रिटर्न पर आप कितना टैक्स देंगे. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.

आप कोई भी निवेश करें, तो जरूर ध्यान रखें. पहली बात यह कि आपका निवेश विकल्प महंगाई दर की तुलना में ज्यादा रिटर्न देता हो. अगर महंगाई दर 7 फीसद है, तो आपका निवेश विकल्प इससे अधिक रिटर्न दे. दूसरा, रिटर्न पर टैक्स की देनदारी अधिक नहीं हो. टैक्स आपके रिटर्न को काफी कम कर देता है.

इस स्कीम्स में किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगता हैं. इनमें पहली है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF). पीपीएफ में 3 स्तरों पर टैक्स छूट मिलती है. इस योजना में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर धारा 80सी के तहत कर छूट का लाभ मिलता है. इस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी के समय की गई निकासी भी पूरी तरह टैक्स-फ्री रहती है.

सुकन्या समृद्धि योजना यानी एसएसवाई भी ट्रिपल ई-स्टेटस के साथ आती है. इसमें इन्वेस्टमेंट आयकर अधिनियम की धारा 80-सी के तहत टैक्स फ्री होता है. साथ ही ब्याज और निकासी की रकम पर कोई टैक्स नहीं देना है. इस योजना में आप एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं.

आपको जानकारी होगी कि सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है. वहीं, अगर 1 साल में 50,000 रुपए से अधिक ब्याज आय होती है, तो उसका TDS कटेगा. सीनियर सिटीजंस 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर आयकर अधिनियम की धारा 80टीटीबी के तहत छूट का दावा कर सकते हैं.

आप नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स में निवेश करते है. तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट का लाभ मिलता है. वहीं, इस योजना में मैच्योरिटी पर ब्याज कर योग्य होता है. यह ब्याज निवेशक की कुल सालाना आय में जोड़ा जाता है.