मेरठ. किठौर के खादर में बाबा बिरसा की हजारों बीघा जमीन पर भूमाफिया की नजर है। सत्ता पक्ष के नेताओं का हाथ थामकर भूमाफिया इस जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। चीकू बढ़ला की गिरफ्तारी के बाद कई ऐसे नाम सामने आए हैं, जो इस जमीन पर कब्जा करने की फिराक में हैं। सपा शासन काल में सपा के नेताओं का हाथ थाम कर कब्जे किए जा रहे थे। सत्ता बदली तो माफियाओं ने भी पार्टी बदल दी।
पुलिस की जांच में ऐसे कई नाम सामने आए हैं, जो सत्ता दल के नेताओं के साथ रहकर जमीन को कब्जाने की फिराक में लगे हुए हैं। बाबा बिरसा की हजारों बीघा जमीन पर हरियाणा के लोगों को भी भूमाफिया ने कई बार ठगा है। उनसे करोड़ों की रकम वसूली जा चुकी है। उसके बाद जमीन पर कब्जा नहीं दिलाया जाता। इसे लेकर साल 2010 में बाबा टहल सिंह की हत्या भी हो चुकी है। पूर्व ब्लाक प्रमुख कंवरपाल ने भी जमीन को सूखा सिंह से खरीदा था। इसी जमीन पर चीकू कब्जा करना चाहता था। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि एसपी देहात केशव कुमार बाबा बिरसा की जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफिया की सूची तैयार कर रहे हैं।
पांच साल पहले भी हुई थी खून खराबे की प्लानिंग 2017 में किठौर के चांदपुर में मनजीत सिंह और ललियाना के पूर्व प्रधान शहनवाज का 12 एकड़ जमीन को लेकर विवाद था। मनजीत चांदपुर गांव में डेरे पर रहता था। विवादित जमीन पर कब्जे के इरादे से शहनवाज अपने आठ साथियों के साथ मनजीत के परिवार पर हमले के इरादे से जा रहा था। चांदपुर के जंगल से पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। चीकू का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने की मांग एडीजी राजीव सभरवाल को चीकू बढ़ला के खिलाफ एक शिकायत दी गई है। इसमें बताया गया है कि वेस्ट यूपी के कई हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों के पास पंजाब का शस्त्र लाइसेंस है।
इनमें से एक नाम चीकू बढ़ला का भी है। चीकू के नाम पर एक लाइसेंसी रिवाल्वर और एक राइफल है। इसी रिवाल्वर को कुछ साल पहले कचहरी में चेकिंग के दौरान एक अन्य युवक के पास से पकड़ा गया था। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि चीकू के शस्त्र लाइसेंस के संबंध में तत्कालीन आइजी आलोक शर्मा की ओर से भी जांच शुरू कराई गई थी। इन लाइसेंस को निरस्त कराने की कार्रवाई भी शुरू हुई थी, लेकिन इसी दौरान आलोक शर्मा का स्थानांतरण हो गया था। उसके बाद से यह असलाह सिविल लाइंस थाने में जमा है।