मुजफ्फरनगर| मुजफ्फरनगर दंगे की वजह बनें कवाल कांड के पीड़ितों का कहना है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। अपना दर्द सुनाने और राहत पाने के लिए हम इधर-उधर घूम रहे हैं, लेकिन अभी तक पर्याप्त समाधान नहीं निकला। जो हुआ था, हम उसे भूल भी नहीं पा रहे हैं। अपनों को याद कर हमारी आंखें नम हो जाती हैं। ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए। लेकिन हमारी सुनवाई नहीं होती।

कवाल गांव के रहने वाले मृतक शाहनवाज के पिता सलीम (81) का कहना है कि उन्हें अब इंसाफ मिलने की उम्मीद नहीं है। अदालत में मुकदमा चल रहा है। उम्रकैद की सजा काट रहे मुजस्सिम, फुरकान, मुजम्मिल, जहांगीर, नदीम, अफजाल व इकबाल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। अभी तक अपील पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सलीम का कहना है कि जब दस साल में उनको इंसाफ नहीं मिला तो, अब उसको क्या इंसाफ मिलेगा। मैंने तो इंसाफ मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी है।

मलिकपुरा के मृतक गौरव के पिता रविंद्र चौधरी का आरोप है कि केंद्र और प्रदेश की सरकार अंधी और बहरी है। उन्होंने और उनके परिवार के लोगों ने भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों से सुरक्षा की दृष्टि से मलिकपुरा से जुड़ने वाले कच्चे रास्तों को पक्का बनवाने की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि खतौली विधानसभा के उपचुनाव के दौरान भी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने उन्होंने अपनी मांगों को रखा था, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ। आरोप लगाया कि अब पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रदेश के राज्यमंत्री उनका फोन तक भी नहीं उठाते हैं। अब उन्होंने सरकार और नेताओं पर भरोसा करना छोड़ दिया है।

सचिन और गौरव की हत्या में आछ फरवरी 2019 को कोर्ट ने आरोपी मुजस्सिम, फुरकान, मुजम्मिल, जहांगीर, नदीम, अफजाल व इकबाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। ये सभी आरोपी आगरा में जेल में सजा काट रहे हैं।

कवाल के शाहनवाज के पिता सलीम ने भी अदालत में परिवाद दायर किया था। जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। मुकदमे में मृतक सचिन व गौरव परिवार से रविंद्र, बिशन, प्रहलाद, तहेंद्र, जितेंद्र और देवेंद्र नामजद हुए थे। कोर्ट ने इनको जमानत दे दी थी। अब इनका अदालत में मुकदमा शुरू हो चुका है। फिलहाल इस मुकदमे में छह सितंबर की तारीख साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए लगी है। वादी सलीम की गवाही अदालत में चल रही है।

कवाल कांड मुजफ्फरनगर दंगे की वजह बना था। अब दस साल बाद ग्रामीण कहते हैं कि हम सौहादपूर्ण माहौल में रहना चाहते हैं। कवाल के पूर्व प्रधान महेंद्र सैनी का कहना है कि गांव में सभी ग्रामीण आपस में भाईचारे से रह रहे हैं। हम सब भाईचारा चाहते हैं। मोहम्मद इस्लाम, सतीश कुमार, जहीर का कहना है कि हमारे गांव में अब भाईचारा है। किसी को कोई दिक्कत नहीं है।

मलिकपुरा के रहने वाले रविंद्र के पुत्र गौरव और बिशन के पुत्र सचिन की हत्या हुई थी। रविंद्र अपनी पत्नी सुरेश के साथ मुजफ्फरनगर में रह रहे हैं, जबकि मृतक सचिन के पिता बिशन, उसकी पत्नी मुनेश और छोटा बेटा राहुल मलिकपुरा में ही रहते हैं। शाहनवाज का परिवार कवाल में रहता है। मृतक सचिन की मां मुनेश कहती हैं कि दो बेटों के खोने का गम उम्रभर सालता रहेगा। बहू स्वाति पौत्र गगन को लेकर मायके पुरबालियान चली गई। बेटा, पोता और बहू हममें दूर हो गए।

कवाल कांड के बाद खतौली के पूर्व विधायक विक्रम सैनी सुर्खियों में आए। उन पर रासुका लगाई गई। जेल से छूटे तो जिला पंचायत सदस्य बने। इसके बाद भाजपा ने 2017 और 2022 में खतौली से विधानसभा का चुनाव लड़ाया, दोनों बार वह जीते। लेकिन कवाल कांड के मुकदमे में सजा हो जाने के बाद उनकी सदस्यता चली गई।