मुजफ्फरनगर। डीएम सीबी सिंह की सख्ती हुई तो नगरपालिका में जनहितों की ओर से आंखें मूंदे बैठे अधिकारियों की भी नींद टूटी है। शहर की जलापूर्ति के लिए निर्मित कराए गए जिन 11 ओवरहेड टैंकों को कबाड़ समझकर शोपीस बना दिया गया था, अब उनकी सुध ली जा रही है। इन 11 ओवरहेड टैंकों की सफाई के लिए कार्ययोजना पालिका प्रशासन द्वारा तैयार कर ली गई है।

शहर की जलापूर्ति के लिए पूर्व में जल निगम की ओर से अलग- अलग स्थानों पर ओवरहेड टैंक का निर्माण कराया गया था। शहर में 17 ओवरहेड टैंक निर्मित कराये गये, इनको जल निगम द्वारा नगरपालिका परिषद् को हैंड ओवर कर अपना पल्ला झाड़ लिया गया था, लेकिन जब पालिका प्रशासन ने इनका उपयोग शुरू किया तो 11 ओवरहेड टैंक के निर्माण में गुणवत्ता निम्न पाए जाने के कारण वह उपयोग के काबिल ही नहीं मिले। इनमें से कई टंकियां तो पानी भरते ही बारिश की तरह टपकने लगी। इसके बाद पालिका प्रशासन ने इन 11 ओवरहेड टैंकों को जस का तस ही छोड़ दिया। इनमें से 06 ओवरहेड टैंकों को सही पाए जाने पर उपयोग किया जा रहा है।

डीएम चंद्रभूषण सिंह द्वारा शहर में सफाई, पेयजल आपूर्ति और पथ प्रकाश सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए पालिका मेें एडीएम प्रशासन अमित सिंह को नोडल अधिकारी बनाया तो जल निगम के इस गड़बड़ी की पोल खुली। अब पालिका प्रशासन ने नोडल अधिकारी की देखरेख में शो पीस बने खड़े इन 11 ओवरहेड टैंकों को मरम्मत कराकर उपयोग में लेने की कवायद शुरू की है।

इनमें कंपनी बाग, कांशीराम कालोनी आवास विकास, शाहबुद्दीनपुर, द्वारिकापुरी, पशु चिकित्सालय जीटी रोड, इंद्रा कालोनी में पार्क और तालाब टंकी तथा गांधीनगर और पटेलनगर में बने इन ओवरहेड टैंक में काफी मरम्मत होनी है। इसके साथ ही दो ओवरहेड टैंक में माइनर खामी को भी दुरुस्त कर सभी 11 टैंक जल्द ही उपयोग में लाए जाएंगे। इसके लिए 15वें वित्त आयोग से पालिका को प्राप्त ग्रांट में से पैसा खर्च करने का प्रस्ताव बनाया गया है। यह ओवरहेड टैंक 800 किलोलीटर से 2500 किलोलीटर क्षमता के हैं।

नोडल अधिकारी एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि शहर की पेयजल आपूर्ति को लेकर काफी संकट और समस्या बनी रहती है। इसके लिए समीक्षा में सामने आया कि 11 ओवरहेड टैंक खराब होने के कारण उपयोग में नहीं लाये जा रहे है। इनको ठीक कराने के निर्देश दिए गए हैं। शहर की आबादी के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन 60 हजार किलोलीटर पेयजल की मांग पालिका पर बनी हुई है। पालिका जलकल विभाग का दावा है कि इस मांग के सापेक्ष प्रतिदिन 50 हजार किलोलीटर पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।