मेरठ| साल 2010 में नौचंदी के जैदीफार्म निवासी नफीस मोहल्ले में ही परचून की दुकान करता था। उसका वहीं पर दुकान करने वाले अहसान और इरफान से झगड़ा हुआ। अहसान और इरफान ने रसूलनगर से रिश्तेदार बुला लिए।

दोनों पक्षों में मारपीट के बाद सुआं लगने से अहसान के रिश्तेदार सईद की मौत हो गई थी। हत्या में नफीस, दो भाई और पिता हनीफ जेल गए थे। जमानत पर आने के बाद नफीस पत्नी के साथ मेरठ छोड़कर लोनी चला गया था।

परतापुर थाना प्रभारी रामफल सिंह ने बताया कि नफीस 30 मई को कचहरी में सईद की हत्या के मुकदमे में तारीख पर आया था। नौशाद और इरफान भी आए थे। नफीस नौशाद को नहीं पहचानता था। नौशाद पांच मई से नफीस के करीब पहुंचने की ताक में था। नौशाद ने नफीस से बात करनी शुरू कर दी। पूछा कहां से आए तो नफीस ने दिल्ली से बताया।

नौशाद ने कहा कि मैं भी वहीं रहता हूं, मोबाइल चोरी के मामले में तारीख पर आया हूं, साथ चलेंगे। इसके बाद नौशाद नफीस को कोर्ट के गेट पर मिल गया। नौशाद उसे लेकर बेगमपुल पहुंचा और वहां दोनों ने शराब पी। उसने नफीस को ज्यादा शराब पिला दी।

हापुड़ अड्डे पर दोनों ने खाना खाया। यहां से नौशाद उसे बिजली बंबा बाईपास पर ले गया। पीर के पास जंगल में गाड़ी खड़ी होने की बात कहकर वहां ले गया। वहां भी शराब पी। इसी बीच इरफान रस्सी लेकर आ गया और दोनों ने गला घोंटकर नफीस को मार डाला।