मुजफ्फरनगर। जिले के 28 गांवों के 1428 किसानों की गेहूं और सरसों की 950 हेक्टेयर फसल ओलावृष्टि से प्रभावित हुई है। किसानों को मुआवजा देने को राजस्व विभाग ने रिपोर्ट तैयार कर दी है। इस बार सरकार की ओर से किसी भी किसान को दो हजार रुपये से कम का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। तीन मार्च को हुई ओलावृष्टि से तहसील सदर के चरथावल ब्लाॅक में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। बघरा ब्लाॅक के भी कुछ गांव ओलावृष्टि की चपेट में आए हैं। कुल 28 गांवों में किसानों की सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है।

जिला प्रशासन की रिपोर्ट में 23 गांवों में सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। इन गांवों के 856 किसानों की 232.700 हेक्टेयर सरसों ओलावृष्टि से खराब हुई है। इसी तरह पांच गांवों में गेहूं की 566 किसानों की 717.701 हेक्टेयर फसल खराब हुई है। इन सभी किसानों को मुआवजा देने के लिए जिला प्रशासन ने शासन को सूची भेज दी है, जो शासन से स्वीकृत भी हो गई है। इस बार किसी भी किसान को दो हजार से कम का मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

एडीएम वित्त गजेंद्र कुमार ने बताया कि जनपद के ओलावृष्टि से प्रभावित सभी 28 गांवों का सर्वे हो गया है। राजस्व विभाग की टीम ने नुकसान का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जो शासन ने स्वीकृत कर दी है। मुआवजे का वितरण शुरू कर दिया गया है। इन गांवों में चरथावल देहात, मथुरा, नंगला राई, कुटेसरा, कछौली, सैदपुर कलां, दहचंद, कसौली, न्यामू, सिकंदरपुर, पिपलहेडा, नंगला पिथौरा, गुज्जरहेड़ी, कोलाहेड़ी, खोजानंगला, बिरालसी, बिरालसा, गुनियाजुड्डी, हरनाकी, जसौई, कान्हाहेड़ी, सोहजनी, छतैला शामिल हैं।