मुजफ्फरनगर| मुजफ्फरनगर में चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग का चौड़ीकरण प्रस्तावित है। इसके साथ ही दोनों तरफ पक्की सड़क का निर्माण होगा। वन विभाग ने अपने पेड़ों का आंकलन कर सूची पीडब्ल्यूडी को सौंप दी है। मेरठ से मुजफ्फरनगर सीमा क्षेत्र में लगभग 16 हजार से अधिक पेड़ काटे जाने हैं। पीडब्ल्यूडी पेड़ों के कटान की धनराशि को वन विभाग के अनिवार्य पुन: वृक्षारोपण विभाग में जमा कराएगा। इसके बाद यहां पर सड़क संबंधित कार्य आरंभ होगा।
चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ने लगा है। गाजियाबाद के मोदीनगर से हरिद्वार तक एक तरफ गंगनहर पटरी मार्ग पर वाहन दौड़ रहे हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगनहर पर दोनों पटरियों को विकसित करने की घोषणा की थी। उसके बाद पीडब्ल्यूडी और वन विभाग अपने-अपने क्षेत्र के कार्य में लगे थे। मेरठ से लेकर मुजफ्फरनगर तक 52.950 किलोमीटर क्षेत्र में लोक निर्माण व वन विभाग की संयुक्त टीम ने निरीक्षण कर पेड़ों के कटान की आख्या तैयार की है।
लगभग 113 हेक्टेयर भूमि में परियोजना आ रही है। इस सीमा क्षेत्र में पेड़ों पर कार्य होना है। क्षेत्रीय वन निरीक्षक रविकांत चौधरी ने बताया कि मुजफ्फरनगर सीमा में 16 हजार पेड़ों के कटान की सूची बनी है। इस सूची को पीडब्ल्यूडी को दिया गया है। कटान का पैसा जमा होने के बाद पीडब्ल्यूडी यहां काम कर सकता है। पीडब्ल्यूडी को प्रजेंट नेट वैल्यू निकालने के लिए कहा गया है।
यात्रा के दौरान हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लेकर आने वाले अधिकतर कांवड़ यात्री मुख्य मार्ग से होकर गुजरते हैं। गंग नहर की दूसरी ओर भी कांवड़ पटरी मार्ग विकसित होने से यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। हरिद्वार से गंगाजल लेकर जाने वाले कांवड़ यात्री भी उसी पर चल सकेंगे।