सोलन। नालागढ़ में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश परविंदर अरोड़ा की अदालत ने दोषी व्यक्ति को 18 साल की कठोर सजा सुनाई है। दोषी को 25 हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा। पीड़ित के परिजनों को सरकार को नौ लाख का मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार घटना में 2016 में छह वर्षीय मासूम नालागढ़ के समीप अपने भाई के साथ घर के बाहर खेल रही थी। इस दौरान दोषी ने उसके भाई को अपनी मां का मोबाइल लेकर आने के लिए भेजा और मासूम को जबरन कमरे में ले जाकर दुष्कर्म करने लगा।

वापस आने पर पीड़ित के भाई ने दरवाजे को खटखटाया तो उसकी बहन रोती हुई बाहर आई। घटना की सूचना उसके परिजनों को दी गई और पीड़ित के पिता ने शिकायत पुलिस को दी। नालागढ़ पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद न्यायालय में केस शुरू हुआ और न्यायाधीश के समक्ष ही पीड़ित नाबालिग के बयान दर्ज किए गए।

ट्रायल के दौरान सभी सबूतों और गवाहों के बयानों के मद्देनजर और पीड़ित की मानसिक स्थिति को समझ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. परविंद्र सिंह अरोड़ा की अदालत ने शनिवार को युवक को दोषी करार देते हुए 18 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोषी को 25 हजार जुर्माना भी अदा करना होगा।

इसके अतिरिक्त पीड़ित की हालत को देखते हुए अदालत ने सरकार को नौ लाख का मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं। इस मुआवजे की 80 प्रतिशत राशि की एफडीआर पीड़ित के नाम पर बनाई जाएगी जबकि 20 प्रतिशत राशि का भुगतान उसके पुनर्वास के लिए दिया जाएगा। इस मामले की पैरवी स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सुनील दत्त वासुदेवा ने की।