मुजफ्फरनगर। जिला योजना में जनपद को महज 17.37 प्रतिशत पैसा ही मिला। जिला योजना का बजट यहां 328 करोड़ का तैयार किया गया था, लेकिन केवल 57 करोड़ ही मिल सके। कई विभाग ऐसे भी हैं जिनमें पैसा जारी ही नहीं हुआ। मिले पैसे का 96.47 प्रतिशत खर्च हो चुका है। 50 में से 31 विभाग ऐसे हैं जिनमें एक भी पैसा जारी नहीं हो पाया।

जिला योजना में 50 विभागों के लिए अलग-अलग बजट तय कर शासन से 328 करोड़ की डिमांड की गई थी। कोरोना महामारी के बीच सभी विकास कार्य प्रभावित हो गए और सरकार केवल 57 करोड़ की जारी कर पाई। डिमांड का मात्र 17.37 प्रतिशत ही जिले को मिल पाया। केवल 19 विभागों को ही पैसा जारी हो पाया है। जिन विभागों को पैसा जारी किया गया, उनमें कृषि विभाग को 28 करोड़ के मुकाबले 10.88 करोड़ जारी हुआ। गन्ना विभाग को 20.79 करोड़ के मुकाबले 3.83 करोड़ ही मिला।

पशुपाल विभाग को 3.43 करोड़ की जगह केवल 56 लाख मिला। दुग्ध विकास को 2.31 करोड़ के स्थान पर 74 लाख मिला। वन विभाग को 126 लाख की जगह 70 लाख मिला। रोजगार कार्यक्रम मनरेगा में 62.48 करोड़ के स्थान पर 29.15 करोड़ मिला। राजकीय नलकूप के लिए 26 लाख की जगह 18 लाख मिला। प्राथमिक शिक्षा में 9.74 करोड़ की जगह 5.12 करोड़ मिला। एलोपैथिक चिकित्सा में 24.75 करोड़ की जगह केवल 1.85 करोड़ ही मिला।

ग्रामीण आवास में 30.60 करोड़ के मुकाबले 1.31 करोड़ जारी हुआ। अनूसूचित जाति कल्याण में 2.97 करोड़ के स्थान पर 1.26 करोड़, पिछड़ी जाति कल्याण में 1.45 करोड़ डिमांड का पूरा, अल्पसंख्यक कल्याण में डिमांड का पूरा 1.16 करोड़ जारी हुआ। समाज कल्याण में 2.32 करोड़, शिल्पकार प्रशिक्षण में दो करोड़ के मुकाबले 50 लाख, समाज कल्याण पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन में पूरा पैसा जारी हुआ।

विभाग जिन्हें एक पैसा भी नहीं मिला
उद्यान विभाग, निजी लघु सिंचाई, मत्स्य विभाग, सहकारिता विभाग, सिंचाई जल संसाधन, भूमि सुधार, पंचायतराज विभाग, सामुदायिक विकास, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, सड़क एवं पुल, पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यटन, प्राविधिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, खेलकूद, परिवार कल्याण, होम्योपैथिक चिकित्सा, आयुर्वेद चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा, ग्रामीण पेयजल, ग्रामीण स्वच्छता, पूल्ड आवास, नगरीय विकास, सेवा योजन, महिला एवं बाल विकास, कार्यक्रम विभाग,

96 प्रतिशत पैसा हुआ खर्च
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि जिले को 328 करोड़ के सापेक्ष 57 करोड़ मिले हैं। इस पैसे में 96 प्रतिशत अब से पहले खर्च हो चुका है। 31 मार्च तक सब खर्च हो जाएगा।