मुजफ्फरनगर। विद्युत निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरे जिले के ग्रामीण इलाकों में करीब 40 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। जिले के केवल बुढ़ाना विद्युत डिविजन में ही 50 प्रतिशत लोग चोरी की बिजली जला रहे हैं।
सूबे की भाजपा सरकार में सख्ती के बावजूद जिले में बिजली चोरी नहीं रुक पाई है। जिले में कुल बिजली की 32.41 प्रतिशत चोरी हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में लगभग 13 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा बिजली चोरी बुढ़ाना डिवीजन में हो रही है। यहां 111 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली आ रही है, जिसमें से 56 एमयू का पैसा ही विभाग को मिलता है। यहां 49.86 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है। विभाग इस बिजली को लॉस में दिखा रहा है।
खतौली डिविजन में 68 एमयू बिजली आ रही है। यहां विभाग को केवल 41 एमयू का पैसा ही मिल पा रहा है। जिले के शहरी क्षेत्र में तीन डिविजन हैं। इन तीनों में 315 एमयू बिजली आ रही है और विभाग को 274 एमयू का पैसा मिल रहा है। यहां 12.98 प्रतिशत लाइन लॉस आ रहा है। शहर में तमाम अभियानों के बाद भी यहां बिजली चोरी हो रही है। शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र के डिविजन में भी बिजली चोरी नहीं रुकी है। डिविजन प्रथम में 23 प्रतिशत और डिविजन द्वितीय में 43 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही है।
विद्युत निगम को बिजली चोरी से प्रतिमाह लगभग 83 करोड़ का नुकसान है। जून माह की रिपोर्ट की आधार पर शहरी क्षेत्र में प्रति माह 155 करोड़ 19 लाख की बिजली आती है। इसमें 123 करोड़ 92 लाख ही विभाग का मिल पाया। बाकी बिजली चोरी हो जाती है। शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में 9237 करोड़ की बिजली आई, जिसमें 56 करोड़ 36 लाख ही वसूल हुआ। बाकी 44 करोड़ की बिजली चोरी हुई। खतौली और बुढ़ाना डिविजन में 51 करोड़ नौ लाख की बिजली आई, जिसमें 23 करोड़ 31 लाख का राजस्व ही विभाग को प्राप्त हुआ। बाकी बिजली चोरी हुई।