
देहरादून। मसूरी हादसे में छह जिंदगियां कड़ाके की सर्दी में छह घंटे तक सिसकती रहीं। लेकिन, जिंदगी और मौत की इस लड़ाई में तीन जिंदगियों ने हार मान ली। माना जा रहा है कि मदद पहले पहुंच जाती तो शायद कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी। वर्तमान में एक युवक की हालत अस्पताल में भी गंभीर बताई जा रही है।
हादसा बुधवार रात करीब 12 बजे हुआ था। जबकि, उनके पास जैसे-तैसे कर मदद सुबह छह बजे के बाद ही पहुंच सकी। कार इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थी कि उसमें से किसी को निकलना बेहद मुश्किल था। राजा की किस्मत किस्मत अच्छी रही कि वह छिटककर दूर जा गिरा।
जबकि, छोटी सी कार में अन्य पांच वहीं सिसकते रहे। घायल राजा के भाई ने बताया कि, जब वे गाड़ी को देखने वापस लौटे तो हादसे वाली जगह को नहीं ढूंढ पाए। एंबुलेंस को भी काफी देर तक रास्ता नहीं मिला।
करीब 5ः57 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। इसके बाद संयुक्त ऑपरेशन चलाते हुए लगभग सवा छह बजे उनके पास मदद पहुंची और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन, वहां डॉक्टरों ने तीन को मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि गुरुवार को देहरादून निवासी दस लोग दो अलग-अलग गाड़ियों से मसूरी गए थे। वहां से लौटते वक्त हादसा हुआ। हादसे का शिकार हुई गाड़ी में छह दोस्त थे। रात के वक्त अचानक उनकी गाड़ी गज्जी बैंड और हाथी पांव के बीच नीचे कच्ची सड़क में जा गिरी। जिसमें सचिन, अंकित और वीरेंद्र की जान चली गई।
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