जिला मजिस्ट्रेट सेल्वा कुमारी जे. ने बताया कि प्रदेश के अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्गत शासनादेश के अन्तर्गत शुक्रवार 30 अप्रैल की रात्रि 08 बजे से मंगलवार 04 मई की प्रातः 07 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाये जाने के निर्देश दिए गए हैं। 2 मई को पंचायत चुनाव में मतगणना का कार्य कोविड के निर्धारित प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। इस सम्बन्ध में राज्य निर्वाचन आयोग उ.प्र. द्वारा जारी शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। किसी व्यक्ति द्वारा उपर्युक्त निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर उसके विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी।

जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि हाल ही के दिनों कोविड-19 के मामलों में उच्च पॉजिटिव दर के साथ एक तीव्र वृद्धि को अवलोकित किया गया है। मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि/लहर को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि लहर प्रभावित क्षेत्रों में कडे़ कोविड प्रबन्धन एवं नियंत्रण उपायों को लागू किया जाय ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके।

व्यक्तिगत क्रियाएं जैसे मास्क पहनना, दूसरों से 06 फीट की दूरी बनाये रखना, अपने हाथों को समय-समय पर सेनेटाइज करना और किसी भी भीड-भाड वाले क्षेत्रों में शामिल न होना। ऐसे व्यक्ति जिनके पॉजिटिव होने का संदेह है तथा सार्स-कोव-टू पॉजिटिव व्यक्ति, फ्लू जैसे लक्षणों को प्रकट करने वाले व्यक्तियों इत्यादि का परीक्षण कर क्वारंटाइन किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाये कि वे इकटठे न हो और इस प्रकार वे संक्रमण को फैलाने में सक्षम न हो सके। ऐसे स्थान जहां एक समूह के रूप में ऐसे मामले पाये जाते है तथा जहां व्यक्तिगत या पारिवारिक रूप से उनकी मदद नहीं की जा सकती। ऐसे मामलों में एक निश्चित सीमा तथा कडे नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए कन्टेनमेंन्ट जोन का निर्माण किया जाय ताकि संक्रमण को बाहर फैलने से रोका जा सके। सामाजिक/राजनीतिक/खेल/मनोरंजन/अकादमिक/सांस्कृतिक/धार्मिक उत्सव से सम्बन्धित तथा अन्य भीड तथा सभाओं को प्रतिबन्धित किया जायें। शादी समारोह (50 व्यक्तियों की उपस्थिति) और दाह संस्कार/अन्तिम संस्कार (20 व्यक्तियों की उपस्थिति) को अनुमति दिया जाय।

समस्त शॉपिंग काम्पलेक्स, सिनेमा हाल, रेस्टोरेंन्ट्स एवं बार, खेल कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्वीमिंग पूल और धार्मिक स्थानों को बन्द किया जाय। आवश्यक सेवायें एंव गतिविधियां जैसे-स्वास्थ्य सेवा, पुलिस, अग्नि, बैंक, विद्युत, जल एवं सिंचाई, आम परिवहन के निर्धारित संचालन (आवश्यक सेवायें और गतिविधियों जो सुचारू रूप से संचालित किया जाना आवयश्क है) को जारी रखा जायगा। इस प्रकार की संवाये सरकारी एवं निजी दोनों क्षेत्रों में लागू होंगी। समस्त कार्यालय सरकारी और निजी दोनों अपने अधिकतम् 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ कार्य करेंगे।