मुजफ्फरनगर. भाकियू के दिवंग अध्यक्ष और जीवनभर किसान हितों की लड़ाई लड़ने वाले चौ. महेन्द्र सिंह टिकैत की आज 87वीं जयंती है। जयंती पर सिसौली में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया है। किसान मसीहा को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर से लोग आ रहे हैं। रालोद मुखिया जयंत चौधरी और आप नेता संजय सिंह की आमद तय है।

बालियान खाप के चौधरी स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत ने अंतिम सांस तक किसानों को उनके अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ी। बालियान खाप के चौधरी रहे चौहल सिंह के असमय निधन के बाद महेन्द्र सिंह टिकैत को कम उम्र में बालियान खाप के चौधरी की पगड़ी पहनाई गई थी। खाप के मुखिया के तौर पर तो महेन्द्र सिंह टिकैत ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाया बल्कि किसानों के लिए भी संघर्ष का बिगुल फूंक दिया।

खेत की पगडंडी से बाहर निकालकर किसानों को संघर्ष का रास्ता दिखाने वाले चौ. महेन्द्र सिंह टिकैत को भुलाया नहीं जा सकता। स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत किसानों की लड़ाई लड़ रहे थे। लेकिन उन्हें पहचान मिली करमूखेड़ी बिजली घर के आंदोलन से। 1 मार्च 1987 को शामली के करमूखेड़ी बिजली घर पर आंदोलन हुआ। आंदोलन में दो किसानों की शहादत हुई थी। महेन्द्र सिंह टिकैत ने किसानों की ताकत पर प्रदेश और देश की सरकारों को कई बार झुकाया। टिकैत किसानों के हर सुख और दुख के साथी बने। 15 मई 2011 को किसानों का यह हमदर्द हमेशा के लिए साे गया।

87वीं जयंती पर बाबा स्व. महेन्द्र सिह टिकैत को गुरुवार को सिसौली स्थित उनके पैतृक आवास पर श्रद्धांजलि दी जाएगी। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी, भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत, भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, सहित आप नेता संजय सिंह शामिल रहेंगे।