नई दिल्ली. वैश्विक स्तर पर इन दिनों कोरोना महामारी के साथ मंकीपॉक्स संक्रमण का भी कहर जारी है। मई से अब तक लगभग 80 देशों में 21,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, वहीं दर्जनों लोगों को संक्रमण के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी है। भारत में भी संक्रमण का खतरा समय के साथ बढ़ता जा रहा है। फिलहाल देश में 9 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन संक्रमितों में से एक की मौत भी हो चुकी है।
मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ‘स्वास्थ्य आपातकाल’ के रूप में भी घोषित कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते इस खतरे से सुरक्षित रहने के लिए सभी लोगों को मंकीपॉक्स के बारे में सही जानकारी रखना और उसके आधार पर बचाव के उपाय करते रहना आवश्यक है।
मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर हुए अब तक के अध्ययनों में स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे ज्यादा खतरनाक नहीं मानते हैं। रिपोर्ट में विशेषज्ञों का कहना है कि मंकीपॉक्स संक्रमण के घातक होने की आशंका बहुत कम होती है, हालांकि इसके गंभीर लक्षण और संक्रामता आपके लिए जरूर कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इस खतरे को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को बचाव के उपाय करते रहने चाहिए। आइए जानते हैं कि अगर किसी को मंकीपॉक्स का संक्रमण हो जाता है तो इसका असर कितने दिनों तक रह सकता है, साथ ही किन लक्षणों के आधार पर इसकी पहचान की जा सकती है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मंकीपॉक्स संक्रमण की शुरुआत फ्लू जैसे लक्षणों के साथ होती है। मंकीपॉक्स के अधिकांश मामलों में पहले बुखार, थकान और शरीर में दर्द जैसे समस्याओं का अनुभव होता है। समय के साथ ये सभी लक्षण विकसित होकर गंभीर रूप ले सकते हैं।
मंकीपॉक्स संक्रमण का इक्यूवेशन पीरियड (संक्रमण से लक्षण दिखने में लगने वाला समय) 1-2 हफ्तों का हो सकता है। अगर इस तरह के लक्षण सामान्य दवाइयों से ठीक नहीं हो रहे हैं तो किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
मंकीपॉक्स संक्रमण में शुरुआती लक्षणों के बाद कुछ ही दिनों में लिम्फ नोड्स से संबंधित समस्याओं का अनुभव हो सकता है। इसमें आपको लिम्फ नोड्स में सूजन या इसके आकार में बढ़ोतरी जैसी दिक्कतों का अनुभव हो सकता है। मंकीपॉक्स के संक्रमण के दौरान, जब शरीर फ्लू जैसे लक्षणों से मुकाबला कर रहा होता है, ऐसे में लिम्फ नोड्स की समस्या नजर आ सकती है। संक्रमण के ऐसे लक्षण दूसरे चरण का संकेत माने जाते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, लिम्फ नोड्स से संबंधित समस्याओं के साथ 2-3 दिनों के भीतर शरीर के कई अंगों जैसे हाथ, पैर, चेहरे, मुंह और जननांगों पर दाने या फफोले निकलने लगते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बुखार शुरू होने के 4-5 दिनों के बाद शरीर में इस तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। समय के साथ इन फफोलों में द्रव जमा होने लगते हैं जिसके कारण आपको तेज दर्द और खुजली का अनुभव हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स का संक्रमण 2 सप्ताह से लेकर एक महीने तक रह सकता है। इस दौरान उपचार के तौर पर डॉक्टर्स लक्षणों की गंभीरता को कम करने और शरीर को संक्रमण से मुकाबले के लिए दवाइयां देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बचाव के उपायों का पालन करके इस गंभीर खतरे से बचाव किया जा सकता है। मंकीपॉक्स सामान्य स्थितियों में जानलेवा नहीं है, इसके संक्रमण को ठीक किया जा सकता है।