नई दिल्ली. इस समय मंकीपॉक्स का खौफ बहुत अधिक बना हुआ है. अब तक भारत में मंकीपॉक्स के 9 मामले कंफर्म हो चुके हैं. ये केस दिल्ली, केरल और गुजरात से सामने आए हैं जबकि कुछ लोगों को संदिग्ध मानकर उन्हें निरीक्षण में रखा गया है. ताकि इस रोग को फैलने से रोका जा सके. पिछले दिनों केंद्र सरकार की तरफ से मंकीपॉक्स को लेकर जरूरी गाइडलाइन जारी की गई है. क्या हैं इस गाइडलाइन की अहम बातें, यहां जानें…
21 दिन का आइसोलेशन
तीन लेयर मास्क लगाएं
हाथ बार-बार धोएं
घावों को ढंककर रखे
मंकीपॉक्स से ग्रसित मरीज द्वारा यूज की गई चीजों का उपयोग ना करें.
साबुन, हैंडवॉश और सैनिटाइजर से हाथों को साफ करते रहें.
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
बुखार
त्वचा पर चकत्ते (चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेली और तलुओं पर घाव होना )
सूजे हुए लिंफ नोड
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द या थकावट
गले में खराश और खांसी
अगर आप पिछले 21 दिनों में ऐसे किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जिसे मंकीपॉक्स का संक्रमण हुआ है और आप में ऊपर बताए गए लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
आंखों में दर्द होना या नजर धुंधली होना
सांस लेने में दिक्कत होना
बार-बार बेहोशी या दौरे पड़ना
पेशाब की कमी होना, जैसी कोई भी समस्या आपको हो रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें.
मंकीपॉक्स के बारे में जरूरी बात
मंकीपॉक्स एक संक्रामक रोग है और इससे प्रभावित लोगों को बहुत अधिक देखभाल की जरूरत होती है. लेकिन यह बात आप जरूर जान लें कि इस बीमारी से जान जाने का खतरा सिर्फ उसी स्थिति में होता है, जब व्यक्ति को समय से इलाज ना मिले और सही इलाज न मिले.
यदि रोगी को पहले से कोई गंभीर रोग है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी भी कारण से बहुत कमजोर है, तब उसकी जान को खतरा बन सकता है. हालांकि किसी भी सूरत में इस बीमारी से डरने की नहीं बल्कि बचाव करने और रोगी की देखभाल करने की जरूरत है.