मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर को जल्द ही नगर निगम का दर्जा मिलने की संभावना बढ़ गई है। कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल के पत्र के आधार पर शासन ने जिला प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है। प्रशासन ने शासन को नगर निगम में 13 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव भेज दिया है। अब कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने का इंतजार है।

कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने दस वर्ष पहले शासन को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव भेजा था। तब से लेकर यह मांग लगातार उठती रही है। प्रदेश सरकार में मंत्री बनने के बाद 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर कपिल देव ने नगर निगम की मांग की थी। शासन ने पालिका से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा था। नगर पालिका ने बोर्ड में यह प्रस्ताव पास करके भेज दिया था कि वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल पूरा किया जाए। इस समय वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो चुका है। राज्य मंत्री कपिलदेव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री से मिलकर मुजफ्फरनगर को नगर निगम का दर्जा दिए जाने की मांग रखी। मुख्यमंत्री योगी ने कपिल देव को मांग पूरी करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद शासन ने जिला प्रशासन से नगर निगम के लिए प्रस्ताव मांगा है।

स्वतंत्रता दिवस पर हो सकती है घोषणा
जिला प्रशासन ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें शहर से सटे 13 गांवों को नगर निगम में शामिल करने की बात कही गई है। इनमें सरवट, कूकड़ा, सूजडू, अलमासपुर, न्याजूपुरा जैसे बड़े गांव शामिल है। 15 अगस्त पर भी इसकी घोषणा हो सकती है।

भेज दिया गया प्रस्ताव
शासन ने नगर निगम को लेकर जो प्रस्ताव मांगा था वह तीन दिन पहले भेज दिया गया है। प्रशासन ने समय सीमा के अंदर प्रक्रिया पूरी कर भेज दी है। – नरेंद्र बहादुर सिंह, एडीएम प्रशासन

जल्द होगी घोषणा
प्रशासन और शासन की प्रक्रिया नगर निगम को लेकर तेजी के साथ चल रही है। वह इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है। यूपी कैबिनेट जल्द ही नगर निगम की घोषणा करेगी, ऐसी उन्हें उम्मीद है। – कपिलदेव अग्रवाल, राज्य मंत्री

ये गांव होंगे शामिल
नगर निगम में मुख्य रूप से जिले के सबसे बड़े गांव सरवट, कूकड़ा, अलमासपुर, सूजडू, न्याजूपुरा, शाहबुद्दीनपुर, सहावली, बीवीपुर, मीरापुर, शेरनगर, खांजापुर, मंधेडा, शेरनगर शामिल होंगे। मुस्तफाबाद पचेंडा और बिलासपुर के गांवों का कुछ क्षेत्रफल शामिल होगा।

बाईपास के अंदर का सभी हिस्सा होगा शामिल
जिला प्रशासन ने शासन को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें सीमा रेखा बाईपास को बनाया गया है। बाईपास के अंदर के सभी गांवों को नगर निगम का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। जिन गांवों का रकबा बाईपास के अंदर आ रहा है, उनका केवल उतना ही हिस्सा लिया गया है, पूरा गांव शामिल नहीं किया गया है।

शहर के बीच में होगी काली नदी
नगर निगम बनते ही काली नदी शहर के बीच में आ जाएगी। इस समय काली नदी शहर की सीमा पर है। नगर निगम में रिंग रोड के अंदर के गांव आएंगे और काली नदी से पार के खांजापुर, मीरापुर, मंधेड़ा जैसे गांव शामिल हो जाएंगे, नदी शहर के बीच में आ जाएगी।