मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में अधिवक्ता के नेतृत्व में लोगों ने प्रदर्शन कर राजस्थान के एक स्कूल में एक दलित बालक से जातीय भेदभाव कर उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।

अधिवक्ता ने डीएम कार्यालय पहुंचकर आरोप लगाया कि पानी पीने पर कक्षा 3 के छात्र के साथ मारपीट की गई। गंभीर घायल होने के बाद कई दिन के उपचार के बावजूद उसकी मृत्यु हो गई। प्रदर्शनकारियों ने मृतक बालक के स्वजन को एक करोड़ का मुआवजा दिलाने तथा आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दिये जाने की मांग की।

डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर सौंपा गया ज्ञापन
एड. तरुण सौदे ने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी कुछ लोग अपनी गंदी मानसिकता से बाज नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के जिला जालोर के एक गांव में कक्षा 3 के नौ वर्षीय दलित बालक को स्कूल में प्यास लगने पर घड़े से पानी पीने पर जातीय भेदभाव में पीट-पीटकर गंभीर घायल कर दिया गया था। एक पखवाड़ा तक चले उपचार के उपरांत बालक की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में इस तरह की घटना निंदनीय है।

कहा कि जातीय भेदभाव में एक मासूम की जान ले ली गई। उन्होंने राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने आरोपित स्कूल प्रबंधक के विरुद्ध फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाकर शीघ्र ही सजा दिलाए जाने के लिए सरकार को आदेशित करने की मांग की। इसके अलावा शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी आरोपितों के विरुद्ध स्थानीय स्तर से कार्रवाई न करने का भी संज्ञान लिये जाने की मांग की गई। राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में अधिवक्ता ने मृतक बालक के स्वजन को 1 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दिलाने की मांग की।