मुजफ्फरनगर। सहकारी चीनी मिल मोरना पर चल रहा धरना प्रदर्शन भाकियू और मिल प्रबंधन की सहमति के बाद समाप्त हो गया। मिल प्रबंधन ने कहा कि 12 अक्तूबर से नए पेराई सत्र की शुरूआत कर दी जाएगी। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा किसान अपने हक के लिए छाती पर गोली खाने को तैयार है। किसानों को एक होकर संघर्ष करना होगा। सरकार ने हर घर तिरंगा तो फहरवा दिया, लेकिन बर्बाद लाचार भूखे मर रहे किसान परिवारों, बच्चे, बुजुर्गों और महिलाओं की जिम्मेदारी कौन लेगा।

भाकियू अध्यक्ष बुधवार को धरने पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि 2018 से चीनी मिल के गोदाम में चीनी सड़ रही है। अमीरों को कर्ज फ्री में दिया जा रहा है, जबकि अन्नदाता किसानों की जमीनों गिरवी रख बैंक कर्ज देता है। सरकार मिल प्रबंधक को चीनी और मैली बेचने का अधिकार दे। किसान तनाव के चलते कर्ज नहीं दे पाने के चक्कर में अपनी जान दे रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं की भी इस सरकार में सुनवाई नहीं होती। रालोद जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर ने कहा कि मोरना मिल जर्जर हालत में है। पेराई सत्र के लिए अच्छे तरह से मरम्मत होगी, तभी यह मिल चल पाएगा। मिल विस्तारीकरण जल्द होना चाहिए।

मिल प्रबंधक कमल रस्तोगी ने किसानों के बीच पहुंचकर कहा कि गन्ना पेराई सत्र 12 अक्टूबर को शुरू होगा। 30 अगस्त तक गन्ना भुगतान किसानों के खाते में भेजा जाएगा। प्रत्येक माह एक किसान को क्विंटल चीनी दी जाएगी। जिला गन्ना अधिकारी आरडी द्विवेदी ने कहा कि दस दिन के अंदर मिल क्षेत्र के वे किसान, जो अन्य मिलों को अपना गन्ना सट्टा देने के लिए गन्ना सेंटर की मांग रखते हैं, समिति और प्रबंधक कार्यालय पर प्रस्ताव भेजें। इस प्रस्ताव को लखनऊ भेजा जाएगा। भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा, मंडल महासचिव नवीन राठी और विकास डायरेक्टर ने तय समय में भुगतान की मांग रखी। इस दौरान रणधोल राठी, सर्वेंद्र राठी, उदयवीर, अनुज पहलवान, राजेश चेयरमैन, विदित चौधरी, सरदार अमीर सिंह, रामपाल, सतवीर, हवा सिंह, श्यामवीर, मनोज राठी ने अपने विचार रखे।

पंचायत में नोएडा प्रकरण की गूंज
पश्चिमी उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कहा 21 अगस्त को नोएडा के गांव गंजा में पंचायत होगी, जिसमें देश के कोने-कोने से लाखों लोग शामिल होंगे। अगर सरकार ने महापंचायत में शामिल होने आ रहे लोगों को रोकने की कोशिश की तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए सरकार तैयार रहे।