बागपत. मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक आज बागपत के घिटौरा गांव में किसान मजदूर सम्मेलन में पहुंचे जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के उच्च पदों पर बैठे लोग एक कुतिया के मरने पर संवेदना जताते हैं, लेकिन किसानों के मरने पर नहीं. उन्होंने कहा कि मुझे भी चुप रहने को कहा गया था कि चुप रहोगे तो राष्ट्रपति हो जाओगे.
मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक शनिवार को बागपत के घिटौरा गांव में आयोजित किसान मजदूर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे. वहां उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को बेचारा ना समझे. सरकार ने एमएसपी पर बने कानून को लेकर ईमानदारी नहीं दिखाई है. किसानों का एमएसपी की गारंटी मिले बिना गुजारा नहीं हो सकता इसलिए सरकार एमएसपी को लेकर अपनी नीयत साफ करे. राज्यपाल सतपाल मलिक ने कहा कि जिन्होंने देश की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई है, वह किसान ही है. उन्होंने कहा कि जब तक वे सरकार में हैं वे किसान के हितों को लेकर आवाज उठाते रहेंगे.
मलिक ने कहा कि जब किसान आन्दोलन कर रहा था तो 700 किसानों की जान चली गयी. इस पर उन्हें बहुत दुख हुआ. उन्होंने आगे कहा कि देश के उच्च पदों पर बैठे लोग एक कुतिया के मरने पर तो संवेदना जताते हैं, पीएम संवेदना की चिट्ठी भेजते हैं, लेकिन किसानों के मरने पर नहीं. उन्होंने कहा कि किसानों को बेचारा न समझा जाए. मलिक ने कहा कि चौधरी चरण सिंह कहा करते थे कि अगर किसान कौम एक हो गई तो दिल्ली पर राज इनका ही रहेगा. किसान मिलकर लड़ाई लड़ें, देश पर राज किसानों का ही होगा.
मलिक ने आगे कहा कि किसानों के पास खेती, जमीन और आर्मी भर्ती ही तो थी, अब ये भी हाथ से चली गई. प्रधानमंत्री में किसानों के प्रति कोई संवेदना नहीं है. किसान जो पैदा करता है, उसका दाम घटा रहे हैं और जो खरीदता है उसका दाम बढ़ा रहे हैं. बिना एमएसपी के किसानों का गुजारा नामुमकिन है. ऐसे में सरकार किसानों की आय दोगुनी कहां से करेगी. मेगालय के राज्य पाल ने कहा कि केंद्र सरकार को देश के किसानों पर कोई रहम नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे कोई कुत्ते ने नहीं काटा था जो गर्वनर रहते हुए सरकार से पंगा लूं, लेकिन जब तक सरकार में रहूंगा किसान हित की बात उठाता रहूंगा.