मुजफ्फरनगर/नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी से दिल्ली आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया, बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। दिल्ली पुलिस राकेश टिकैत को यूपी बॉर्डर तक छोडने भी आई। राकेश टिकैत ने ट्वीट कर के यह जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में कहा है कि ‘सरकार के इशारे पर काम कर रही दिल्ली पुलिस किसानों की आवाज को नहीं दबा सकती। यह संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा।’ उधर, राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की खबर से मुजफ्फरनगर में भी माहौल गर्मा गया। लोगों ने भौराकलॉ थाने का घेराव किया।
टिकैत की गिरफ़्तारी की खबर से मुज़फ्फरनगर में गर्माया माहौल, भीड़ ने थाना घेरा @RakeshTikaitBK @OfficialBKU @Kisanektamorcha #rakeshtikait #FarmersProtest #Muzaffarnagar pic.twitter.com/QOxrqjQ5Pc
— ASB NEWS INDIA (@asbnewsindia) August 21, 2022
बताया जा रहा है कि राकेश टिकैत अपने कुछ समर्थको के साथ दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने मना कर दिया जिसके बाद टिकैत समर्थक सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे जिसके बाद दिल्ली पुलिस सभी को मधु विहार पुलिस एसीपी दफ्तर लेकर गई है।
एक वीडियो संदेश में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि क्या दिल्ली में किसानों का प्रवेश बैन है? उन्होंने कहा कि क्या कोई हरा गमछा और चद्दर ओढ़ कर दिल्ली में जा नहीं सकता? राकेश टिकैत ने वीडियो संदेश में बताया है कि वो जंतर-मंतर में हो रहे आंदोलन में जा रहे थे। वहां बेरोजगारी पर आंदोलन चल रहा था। राकेश टिकैत आगे कहते हैं कि वो कोई भी पॉलिटिकल आंदोलन नहीं है और ना ही मेरे बैनर में हो रहा है।
किसान नेता राकेश टिकैत को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लेकर यूपी बार्डर पर छोड़ दिया है. उन्होंने अपने हिरासत में लिए जाने की जानकारी खुद ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा कि सरकार के इशारे पर काम कर रही दिल्ली पुलिस किसानों की आवाज को नहीं दबा सकती. यह गिरफ्तारी एक नई क्रांति लेकर आएगी. मेरा किसानों के लिए संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा. हम ना रुकेंगे, हम ना थकेंगे और ना ही हम झुकेंगे. वह दिल्ली में एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने आये थे।
इस बीच राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही उनके गांव सिसौली पहुंची लोगों में आक्रोश फैल गया। इस दौरान लिए गए फैसले के तहत किसानों का हुजूम भौराकलॉ थाने पर जमा हो गए। किसान अपने ट्रैक्टर लेकर थाने की ओर दौडने लगे। इसी बीच राकेश टिकैत की रिहाई की खबर आ गई, जिसके बाद किसानों का गुस्सा शांत हुआ।