मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन तोमर कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में धरना देकर प्रदर्शन किया। किसानों ने लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वालों को शहीद का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए गन्ना मूल्य भी 450 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित करने की मांग की।

मुजफ्फरनगर कचहरी परिसर सोमवार को किसानों की धरनास्थली में तब्दील हो गया। भारतीय किसान यूनियन तोमर ने महापंचायत का आयोजन किया। जिसमें सैकड़ो किसान जुटे। इस दौरान किसान अपने ट्रैक्टर और कारों में सवार होकर कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां पहुंचकर उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। भारतीय किसान यूनियन तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने कहा कि कलक्ट्रेट में भारतीय किसान यूनियन तोमर के द्वारा एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम डीएम को सौंपा।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की गई है कि लखीमपुर खीरी में जो किसान शहीद हुए थे। उन किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा परिवार के लोगों को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया जाए। साथ ही उन्होंने सरकारी दफ्तरों में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान भी शीघ्र कराया जाए।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत की गिरफ्तारी पर संजीव तोमर ने कहा कि जब दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया तो चारों और धरना प्रदर्शन शुरू हो गए। जिससे घबराकर दिल्ली पुलिस को किसान नेता राकेश टिकैत को छोड़ना पड़ा। किसानों को दिल्ली जाने से रोक रही सरकार पर संजीव तोमर ने कहा कि दिल्ली तो हमारी राजधानी है। सरकार की यह नीति ठीक नहीं है। सरकार को किसानों को दिल्ली जाने से नहीं रोकना चाहिए। उन्होंने सवाल दागा कि क्या किसान आतंकवादी है? उन्होंने दिल्ली सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कि इस तरह की नीति मुझे ठीक नहीं लगती।