श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में मंगलवार तड़के 3.9 तीव्रता का भूकंप मंगलवार तड़के करीब 2.20 बजे भूकंप के झटके महसूस किए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप कटरा से 61 किलो मीटर पूर्व में आया। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। झटके महसूस होने के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए। हालांकि अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है।
बता दें कि बीते 24 घंटे में देश में दूसरी बार भूकंप आया है। इससे पहले सोमवार तड़के राजस्थान के बीकानेर में भी भूकंप आया था। उसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई थी। इससे पहले तीन दिन पहले 20 अगस्त को लखनऊ में भी भूकंप आया था। उसकी तीव्रता 5.2 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई थी। वहां भूकंप का केंद्र लखनऊ से 139 किमी उत्तर-पूर्व में बहराइच के आसपास बताया गया था।
भूकंप क्यों आते हैं?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकराना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता का क्या अर्थ है?
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।