नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2024 तक प्रत्येक 15 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक चार्जिंग प्वाइंट उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। दिल्ली सरकार ने सोमवार को अपनी ईवी नीति के दो साल पूरे होने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग एक्शन प्लान जारी किया।
इसे पहली बार 2020 में लांच किया गया था। दिल्ली सरकार की इस नीति में बिजली वितरण कंपनियां भी शामिल हैं, जो ग्रिड पर ईवी चार्जिंग के प्रभाव का अध्ययन करेंगी।
दिल्ली सरकार इस तरह की योजना बना रही है कि दिल्ली में 2024 तक प्रत्येक 15 ईवी के लिए एक चार्जिंग प्वाइंट होगा। दिल्ली सरकार ने सोमवार को अपनी ईवी नीति के दो साल पूरे होने पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग एक्शन प्लान जारी किया। जिसे पहली बार 2020 में लांच किया गया था। योजना में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने में सबसे बड़ी बाधा अपर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एक्शन प्लान 2022-25 शीर्षक से दस्तावेज में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ईवी नीति में बैटरी स्वैपिंग सुविधा ऑपरेटरों को प्रदान किए गए प्रोत्साहन को संचालित करेगी। यदि वाहन के साथ बैटरी नहीं बेची जाती है तो ऊर्जा ऑपरेटरों को खरीद प्रोत्साहन का 50 प्रतिशत तक यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किया जाएगा।
इससे अंतिम उपयोगकर्ता को बड़ी जमा राशि का भुगतान नहीं करना पड़े। वाहन निर्माताओं को अपने स्वैपेबल मॉडल को अलग से पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। दस्तावेज के अनुसार यह आवश्यक है कि एक ही वाहन मॉडल के लिए बैटरी क्षमता स्वैपेबल और गैर-स्वैपेबल वाहनों के लिए भिन्न होती है और खरीद प्रोत्साहन को बैटरी क्षमता में अनुक्रमित किया जाता है।
प्रशासनिक आसानी के लिए वाहन और बैटरी निर्माताओं को एक संघ के रूप में प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रोत्साहन केवल संघ के प्रमुख सदस्य को प्रदान किया जाएगा। सरकार ने कहा कि बैटरी की अदला-बदली इलेक्ट्रिक दो और तीन पहिया वाहनों के लिए एक व्यवहार्य समाधान के रूप में विकसित हो सकती है, जिसमें देश के सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं।