मुजफ्फरनगर। जिला महिला अस्पताल में पिछले दिनों सिजेरियन डिलीवरी के बाद छह महिलाओं की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया। इससे मरीजों व उनके तीमारदारों में दहशत व्याप्त हो गई। इसके बाद अस्पताल में मरीजों की संख्या भी कम हो गई। सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से चिकित्सकों ने पुरानी सभी दवाइयों को हटवा दिया तथा दूसरी दवाइयों को रखवाया गया। चिकित्सकों ने मरीजों के ब्लड जांच रिपोर्ट में कमी होना बताया है।

और बिगड़ती चली गई थी हालत
जिला महिला चिकित्सालय में 18 अगस्त को दिन में छह महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। रात में अचानक सभी महिलाओं की हालत बिगड़ती चली गई। सभी को हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया। तीमारदार उन्हें निजी अस्पतालों में ले गए। इससे अस्पताल में मरीजों व उनके तीमारदारों के बीच दहशत व्याप्त हो गई। नए मरीज अस्पताल में पहुंचने से कतरा रहे हैं। बता दें कि कायाकल्प अवार्ड से यह अस्पताल नवाजा जा चुका है।

ये हो सकती हैं वजहें
महिला अस्पताल की सीएमएस डा. आभा आत्रेय ने बताया कि 18 अगस्त को कुछ महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी होनी थी। उसी रात में महिलाओं को हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था। उनकी ब्लड रिपोर्ट में भी परेशानी थी। ओटी में इंफेक्शन पर भी संदेह गया। ब्लड इंफेक्शन दवाई के कारण भी हो सकता है। उसी दौरान ओटी को बंद कराया गया। पुरानी सभी दवाइयों को वहां से हटाकर जांच के लिए भेजा। सभी दूसरी दवाइयों को रखवाया गया। इसके बाद ओटी को खोला गया। अब ओटी पूरी तरह सुरक्षित और चालू है।

हिंदू महासभा ने किया सीएमओ का घेराव
जिला महिला चिकित्सालय में बड़ी लापरवाही की बात उठाते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमएस फौजदार से उनके कार्यालय में जाकर घेराव किया। मामले की जांच की मांग की। सीएमओ का घेराव करने वालों में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष योगेंद्र वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष अरुण चौधरी, राजेश कश्यप, देवेंद्र चौहान, मनोज चौहान, लोकेश सैनी, सचिन कपूर जोगी, अमित कुमार, भारत कुमार आदि रहे।