मुजफ्फरनगर. जिला महिला अस्पतल में सहारनपुर से पहुंची कायाकल्प की टीम ने गहनता से जांच की। इस दौरान टीम ने रेफर की गई महिला मरीजों की केस हिस्ट्री भी खंगाली।
ओटी में प्रयुक्त होने वाली दवाइयों की भी गहनाता से जांच पड़ताल की गई। इस दौरान टीम ने महिला अस्पताल में भर्ती गृभवती महिलाओं से भी इलाज के दौरान मिलने वाली तमाम सुविधाओं के बारे में टीम ने जांच की। कायाकल्प टीम ने साफ सफाई, पीने के पानी की व्यावस्था व पार्किंग आदि की व्यास्थाओं को परखा और संतोष व्याक्त किया।
मंगलवार को सहारनपुर से निरीक्षण के लिए जिला महिला अस्पताल पहुंची कायकल्प की टीम में मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रो. डॉ. संजीव कुमार, असिस्टेंट प्रो. डॉ. अनील कुमार व बागपता से डॉ. चतन्य जैन आदि ने निरीक्षण किया। सुबह 9 बजे जिला महिला अस्पताल पहुंची कायाकल्प की टीम ने सबसे पहले महिला डाक्टरों व अन्य स्टाफ से अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उसके बाद टीम ने ओटी में पहुंच कर गहनता से जांच पड़ताल की। उन्होंने ओटी में प्रयुक्त होने वाले औजारों की जांच की साथ ही ओटी में प्रयोग होने वाली सभी तरह की दवाइयों की भी जांच गई। उन्होंने सीएमएस आभा आत्रे ने जिला अस्पताल में डिलीवरी ऑपरेशन आई महिलाओं की हालत बिगड़ने पर पूरी जानकारी हासिल की। महिलाओं को भर्ती के बाद कौन कौन सी दवाइयां दी गई। उनकी डाइट आदि को लेकर भी बात की है।
सीएमएस ने विस्तार से पूरी जानकारी दी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन काउंटर, ब्लड बंक, ओपीडी, आईपीडी, किचन, टायलेट व आक्सीजन प्लांट सहित साफसफाई, पानी व लेवर रूम आदि की व्यावस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के बाद टीम प्रभारी व मेरठ मेडिकल कालेज के प्रो. डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि ओटी का निरीक्षण के दौरान वहा सब सही पाया गया। दवाइयां भी सही है। महिला मरीजों को अस्पताल में अधिकांश सुविधाएं मिल रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कायकल्प योजना के तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला अस्पतालों की कायाकल्प को लेकर निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एनएचएम लखनऊ को यहां से प्राप्त रिपोर्ट सौंपी जाएंगी। जिसके बाद रैंकिंग के आधार पर जनपदों को स्थान मिलते है।
महिला अस्पताल में अभी भी डिलीवरी ऑपरेशन को कम आ रही है महिलाएं
जिला महिला अस्पताल में 18 अगस्त को छह महिलाओं की हालत बिगड़ने पर उन्हें रेफर कर दिया गया। इसके बाद से ओटी में नौ दिन तक कोई ऑपरेशन नहीं हुआ। जबकि विभिन्न स्तरों पर जांच भी चुकी है, लेकिन अभी भी ओटी में डिलीवरी ऑपरेशन की संख्या बहुत कम है। विगत तीन दिनों से आपरेशन तो किए जा रहे है लेकिन इनकी संख्या पूर्व की भांति नहीं पहुंची।