नई दिल्ली. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज की सलाह है कि डायबिटीज वाले लोगों को बैलेंस डाइट के हिस्से के रूप में फलों को शामिल करना चाहिए. फल और सब्जियां खाने से व्यक्ति को हृदय रोग और कैंसर होने का खतरा कम हो सकता है. फल विटामिन, खनिज और फाइबर का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है. हालांकि, फल शुगर से भी भरे हो सकते हैं. डायबिटीज वाले लोगों को ब्लड शुगर के स्पाइक्स से बचने के लिए अपने शुगर के सेवन पर सतर्क नजर रखनी चाहिए. डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को कौन से फल खाने चाहिए और किन फलों से बचना चाहिए और वे मधुमेह से कैसे संबंधित हैं.

बहुत से लोग मानते हैं कि फलों में अक्सर चीनी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए डायबिटीज वाले लोगों को इससे बचना चाहिए. हालांकि, ताजे और साबूत फलों को खाया जा सकता है. 2017 के एक लेख के अनुसार, ताजे फल में चीनी फ्रुक्टोज है, जिसका किसी व्यक्ति के ब्लड शुगर या इंसुलिन के स्तर पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है.

डायबिटीज यूके के अनुसार, एक व्यक्ति जितना कार्ब्स खाता है, उसका ब्लड शुगर लेवल पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. अगर कोई व्यक्ति लो कार्ब डाइट का पालन कर रहा है, तो उन्हें यह पहचानना चाहिए कि वे कौन से कार्ब्स खा रहे हैं जो पोषक तत्वों में कम हैं या अन्य तरीकों से अस्वस्थ हैं और पहले उन्हें डाइट से हटा दें.

भोजन के दौरान या स्वयं फलों का रस पीने से व्यक्ति के ब्लड शुगर लेवल में तेजी से वृद्धि होती है. हालांकि, फलों में फाइबर और शुगर का कॉम्बिनेशन ब्लड में शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है जब कोई व्यक्ति साबूत फल खाता है.

एक व्यक्ति अपनी डाइट में ड्राई फ्रूट्स भी शामिल कर सकता है, जब तक कि इसे अतिरिक्त चीनी के साथ नहीं सुखाया गया हो. 2017 के एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने नट्स और ड्राई फ्रूट्स खाने और टाइप 2 डायबिटीज की रोकथाम के बीच सकारात्मक संबंध पाया.

एडीए का सुझाव है कि लोग प्रोडक्ट लेबल पर लिस्ट पर ध्यान दें. उदाहरण के लिए आपको लेबल वाले प्रोडक्ट्स का चयन करना चाहिए.