मुजफ्फरनगर। जिला पंचायत बोर्ड बैठक में पक्ष और विपक्ष के जिला पंचायत सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक एवं जमकर हंगामा हुआ। प्रदेश में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल भी मीटिंग में उपस्थित थे। उनके समक्ष ही विपक्षी सदस्यों ने विकास कार्यों को कराने में भेदभाव का आरोप लगाया। इसी गहमागहमी के बीच सभी प्रस्ताव पारित कर दिए गए। मामला इतना बढ़ गया कि दो विपक्षी सदस्य सतेंद्र बालियान व इरशाद चौधरी एक अन्य बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल आए। इसके कुछ देर बाद ही मीटिंग समाप्त कर दी गई।
जिला पंचायत सभागार में हुई बोर्ड बैठक में प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, खतौली विधायक विक्रम सिंह सैनी व विधान परिषद सदस्य वंदना वर्मा भी भाग लेने पहुंची। जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल की अध्यक्षता में मीटिंग प्रारंभ हुई। इस दौरान गत बोर्ड बैठक के प्रस्तावों की पुष्टि के बाद नए प्रस्तावों पर बात की गई।
इसी दौरान विपक्षी जिला पंचायत सदस्य सतेंद्र बालियान ने विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए जाने वाले प्रस्तावों को एजेंडे में शामिल न करने एवं उनके कार्यों पर संज्ञान न लिए जाने का आरोप लगाया। इसका समर्थन अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी किया। उधर, जिला पंचायत अध्यक्ष पक्ष के सदस्य भी खड़े हो गए। उन्होंने विपक्षी सदस्यों के इस आरोप का विरोध किया। दोनों पक्षों में हंगामा शुरू हो गया। तीखी नोकझोंक भी हुई। राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने दोनों पक्षों के शांत करने का प्रयास किया। विपक्षी सदस्य सतेंद्र बालियान ने कमीशन खोरी के चलते विकास कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। बनते ही नाला टूटने का मामला भी उठा।
जिला पंचायत अध्यक्ष डा. निर्वाल ने विपक्षी सदस्यों को सबका साथ सबका विकास की नीति से समान रूप से कार्य कराने की बात कही लेकिन विपक्षी सदस्य नहीं माने। इसी गहमा हंगामे के चलते प्रस्ताव पारित कर दिए गए। विपक्षी सदस्य सतेंद्र बालियान व इरशाद बोर्ड बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए। इसके कुछ ही देर बाद मीटिंग समाप्त कर दी गई। जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल का कहना है कि कुछ सदस्य मीटिंग को चलने देना नहीं चाहते थे, लेकिन उन्होंने बैठक को सुचारू रूप से चलाया।