नई दिल्ली. मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ती हुई देखी जा रही हैं। विशेषकर कोरोना महामारी के बाद से मनोरोग विकार के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए देखे गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के कारण कई प्रकार के शारीरिक स्वास्थ्य विकारों का भी जोखिम रहता है, कुछ मामलों में इसे उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों के गंभीर मामलों के लिए संभावित कारण भी पाया गया है। यही कारण है कि विशेषज्ञ सभी लोगों को संपूर्ण स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की सलाह देते हैं।

वैश्विक स्तर पर बढ़ रही मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करने और इस बढ़ते खतरे को कम करने के लिए हर साल 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

भोपाल स्थित अपोलो हॉस्पिटल में मनोरोग विशेषज्ञ डॉ आशुतोष सिंह बताते हैं, शोध में पाया गया है कि दिनचर्या की कई आदतें भी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती जा रही हैं। अक्सर इन बातों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जाता है जिसके गंभीर परिणाम देखे जा सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए लाइफस्टाइल को ठीक रखना बहुत आवश्यक माना जाता है। आइए जानते हैं कि दिनचर्या की किन आदतों को मानसिक स्वास्थ्य विकारों को बढ़ावा देने वाला माना जाता है, इस बारे में सभी लोगों को सतर्कता बरतते रहने की आवश्यकता है।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि जिन लोगों की रात की नींद पूरी नहीं होती है, उनमें समय के साथ चिंता-तनाव और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए अच्छी नींद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके शरीर और दिमाग को आराम देती है।

नींद न आना आपके मूड, ऊर्जा के स्तर, प्रेरणा और मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकता है। यदि आपको भी नींद से संबंधित दिक्कत है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें। सभी वयस्कों को रात में 6-8 घंटे की नींद प्राप्त करना बहुत आवश्यक माना जाता है।

कोरोना महामारी के दौरान वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों को सोशल आइसोलेशन की सलाह दी जाती थी, हालांकि अगर यह आपकी आदत बन गई है तो इसके भी मानसिक स्वास्थ्य पर कई प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। डॉक्टर्स आशुतोष कहते हैं, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए ताजी हवा में जाना और लोगों से मिलते-जुलते रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। शोध में भी पाया गया है कि ताजी हवा में सांस लेना और सूरज के संपर्क में रहना आपके दिमाग के लिए अच्छा है। घर के अंदर रहने की आदत आपमें चिंता-तनाव जैसे विकारों के जोखिम को बढ़ा सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में आहार की विशेष भूमिका होती है। जंक-प्रोसेस्ड फूड्स खाने की आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। अक्सर जंक फूड खाने के बजाय, अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए फाइबर, विटामिन से भरपूर और साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। हम जिस प्रकार के आहार का सेवन करते हैं वह सीधे तौर पर हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

स्क्रीन टाइम यानी किसी भी प्रकार के स्क्रीन पर अधिक समय बिताने की आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर तौर से प्रभावित कर सकती है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि स्क्रीन पर अधिक समय बिताने वाले लोगों में अवसाद, चिंता और ब्रेन फॉग जैसे विकारों और नकारात्मक भावनाओं के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। मनोरोग विशेषज्ञ कहते हैं, इसी कड़ी में सभी लोगों को सोशल मीडिया से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए, बार-बार दिखने वाली नकारात्मक कंटेंट्स का मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है।