मुलायम सिंह यादव ने जिसे भी चाहा, उसे सियासत का खिलाड़ी बना दिया। कैराना के पूर्व सांसद मरहूम मुनव्वर हसन सपा में रहकर ताकतवर बने। चारों सदन के सदस्य रहे और अब उनका बेटा नाहिद हसन सपा से ही कैराना का विधायक है। मुजफ्फरनगर सदर सीट से सपा के टिकट पर चितरंजन स्वरूप दो बार विधायक बने। उन्हें नेताजी ने आवास विकास परिषद का अध्यक्ष बनाया। अखिलेश सरकार में भी वह राज्यमंत्री थे। भाजपा के मौजूदा एमएलसी वीरेंद सिंह कभी मुलायम सरकार में पशुधन मंत्री रहे थे। थानाभवन से किरणपाल कश्यप को पहली बार टिकट दिया और राज्यमंत्री बना दिया था।
बसपा छोडकर सपा में आईं चरथावल सुरक्षित सीट से विधायक उमा किरण उनके मंत्रीमंडल में समाज कल्याण राज्यमंत्री बनीं थीं। बाद में वह हथकरघा निगम की अध्यक्ष भी रहीं। मोरना सीट से संजय चौहान सपा के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। कादिर राना को भी नेताजी ने ही एमएलसी बनाकर उनकी राजनीति में एंट्री कराई थी। बाद में वह मोरना से भी विधायक और सांसद बने। वर्ष 1990 में मुलायम सिंह सरकार में अमीर आलम खां और धर्मवीर बालियान को मंत्री बनने का अवसर मिला था।
राजनीति के साथ नेताजी अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के पारिवारिक कार्यक्रमों में भी शिरकत करते थे। वह सपा नेता राजकुमार यादव के देवपुरम स्थित मकान के मुहूर्त में आए थे। पूर्व सांसद अमीर आलम के बेटे पूर्व विधायक नवाजिश आलम की शादी में भी उन्होंने आशीर्वाद दिया था। पूर्व सांसद कादिर राना की बेटी की शादी में भी उनकी मौजूदगी रही थी। पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र मलिक की माताजी के निधन के समय वह उनके घर श्रद्धांजलि अर्पित करने आए थे।